प्रतीकात्मक फोटो
इस्लामाबाद:
भारत, पाकिस्तान के बीच जारी तनाव के बीच पाकिस्तानी मीडिया नियामक ने देश के सभी चैनलों से ‘‘तत्काल’’ भारतीय कार्यक्रमों का अवैध प्रसारण रोकने को कहा है. पाकिस्तान इलेक्ट्रॉनिक मीडिया रेगुलेटरी ऑथिरिटी (पीईएमआरए) ने एक बयान में कहा कि उसे शिकायतें मिल रही हैं कि कई स्थानीय निजी चैनल बिना मंजूरी के भारतीय टॉक शो, रियलिटी शो और धारावाहिकों का प्रसारण कर रहे हैं.
पीईएमआरए ने गुरुवार को कहा, ‘‘भारत और पाकिस्तान के बीच मौजूदा स्थिति को देखते हुए इस मुद्दे (भारतीय कार्यक्रमों का अवैध प्रसारण) को लेकर की गई शिकायतों में गंभीर चिंताएं उठाई गई हैं. शिकायतों में पीईएमआरए से अवैध भारतीय चैनलों एवं अवैध भारतीय डीटीएच के प्रसारण एवं वितरण पर तत्काल प्रतिबंध लगाने की मांग की गई है.’’ नियामक संगठन ने कहा कि वह भारतीय चैनलों के अवैध प्रसारण को रोकने के लिए पहले ही कदम उठा चुका है और आगाह किया कि सभी वितरण नेटवर्क एवं टीवी चैनल कानूनों का पालन करें तथा भारतीय कार्यक्रमों का प्रसारण ‘‘तत्काल’’ रोक दें.
पीईएमआरए ने कहा, ‘‘इससे लोगों में कानून के शासन एवं देश के प्रति सैटेलाइट चैनलों और वितरण नेटवर्क की प्रतिबद्धता को लेकर एक सकारात्मक संदेश जाएगा जिसे लेकर हर दिन कई सारे टॉक शो उपदेश देते हैं.’’ नियामक संगठन के नियमों के अनुसार स्थानीय चैनल अपने कुल कार्यक्रमों में केवल पांच प्रतिशत विदेशी कार्यक्रम प्रसारित कर सकते हैं लेकिन ऐसा देखा गया है कई चैनल अधिकतर विदेशी कार्यक्रमों, खासकर भारतीय, अमेरिकी, यूरोपीय और तुर्की के कार्यक्रमों पर निर्भर रहते हैं. यह बयान उरी हमले के बाद भारतीय सेना द्वारा नियंत्रण रेखा के पार किए गए लक्षित हमलों के बाद आया है.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
पीईएमआरए ने गुरुवार को कहा, ‘‘भारत और पाकिस्तान के बीच मौजूदा स्थिति को देखते हुए इस मुद्दे (भारतीय कार्यक्रमों का अवैध प्रसारण) को लेकर की गई शिकायतों में गंभीर चिंताएं उठाई गई हैं. शिकायतों में पीईएमआरए से अवैध भारतीय चैनलों एवं अवैध भारतीय डीटीएच के प्रसारण एवं वितरण पर तत्काल प्रतिबंध लगाने की मांग की गई है.’’ नियामक संगठन ने कहा कि वह भारतीय चैनलों के अवैध प्रसारण को रोकने के लिए पहले ही कदम उठा चुका है और आगाह किया कि सभी वितरण नेटवर्क एवं टीवी चैनल कानूनों का पालन करें तथा भारतीय कार्यक्रमों का प्रसारण ‘‘तत्काल’’ रोक दें.
पीईएमआरए ने कहा, ‘‘इससे लोगों में कानून के शासन एवं देश के प्रति सैटेलाइट चैनलों और वितरण नेटवर्क की प्रतिबद्धता को लेकर एक सकारात्मक संदेश जाएगा जिसे लेकर हर दिन कई सारे टॉक शो उपदेश देते हैं.’’ नियामक संगठन के नियमों के अनुसार स्थानीय चैनल अपने कुल कार्यक्रमों में केवल पांच प्रतिशत विदेशी कार्यक्रम प्रसारित कर सकते हैं लेकिन ऐसा देखा गया है कई चैनल अधिकतर विदेशी कार्यक्रमों, खासकर भारतीय, अमेरिकी, यूरोपीय और तुर्की के कार्यक्रमों पर निर्भर रहते हैं. यह बयान उरी हमले के बाद भारतीय सेना द्वारा नियंत्रण रेखा के पार किए गए लक्षित हमलों के बाद आया है.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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