प्रतीकात्मक चित्र
ढाका:
बांग्लादेश के पहले समलैंगिक अधिकारों का समर्थन करने वाली एकमात्र पत्रिका के संपादक और उनके दोस्त की ढाका में बेरहमी से हत्या कर दी गई। बांग्लादेश में ब्लॉगर्स और बुद्धिजीवियों पर लगातार हो रहे हमलों की कड़ी में यह ताजा घटना है।
कूरियर कर्मचारी बनकर घर में घुसे हमलावर
रमना डिविजन पुलिस के उपायुक्त अब्दुल बातेन ने बताया कि बांग्लादेश में समलैंगिकों के अधिकारों का समर्थन करने वाली एकमात्र पत्रिका 'रूपबान' के संपादक जुल्हाश मन्नान और उनके मित्र तनय फहीम की हथियारबंद हमलावरों ने हत्या कर दी। हमलावर कूरियर कंपनी के कर्मचारी के रूप में उनके फ्लैट में दाखिल हुए थे। मन्नान (35) पूर्व विदेश मंत्री दीपू मोनी के रिश्ते में भाई और अमेरिकी दूतावास के पूर्व प्रोटोकोल अधिकारी थे और वह अपने समलैंगिक अधिकार सक्रियता के लिए जाने जाते थे। तनय भी समलैंगिक अधिकारवादी कार्यकर्ता थे।
गार्ड को भी घायल कर दिया
कलाबगान में इस भवन के सुरक्षा गार्ड परवेज मुल्ला ने कहा, 'शाम को तीन लोग आए और उन्होंने दावा किया कि उनके पास मन्नान के लिए कूरियर है। जब मैं उनके पास गया और उनसे यह बात कही तो उन्होंने कहा कि उन्हें किसी पार्सल का इंतजार नहीं है। जब मैं वापस लौटा और उनकी बात बताई, तो उन्होंने इस बात के लिए दबाव बनाया कि मैं उन्हें उनसे मिलने दूं।' जब गार्ड ने विरोध किया तो उन लोगों ने उन पर धारदार हथियार से वार कर उन्हें घायल कर दिया।
दो दिन पहले उदारवादी प्रोफेसर की हुई थी हत्या
'डेली स्टार' के अनुसार पुलिस की विशेष शाखा के उपनिरीक्षक अब्दुल बारी ने बताया कि तब हमलावर मन्नान के फ्लैट पर गए और उन्होंने उन्हें एवं उनके दोस्त पर धारदार हथियार से ताबड़तोड़ वार किया। दोनों की मौके पर ही मौत हो गई। गौरतलब है कि दो दिन पहले ही एक विश्वविद्यालय के उदारवादी प्रोफेसर रिजाउल करीम सिद्दिकी की नृशंस हत्या कर दी गई थी और आईएस ने उसकी जिम्मेदारी ली थी।
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
कूरियर कर्मचारी बनकर घर में घुसे हमलावर
रमना डिविजन पुलिस के उपायुक्त अब्दुल बातेन ने बताया कि बांग्लादेश में समलैंगिकों के अधिकारों का समर्थन करने वाली एकमात्र पत्रिका 'रूपबान' के संपादक जुल्हाश मन्नान और उनके मित्र तनय फहीम की हथियारबंद हमलावरों ने हत्या कर दी। हमलावर कूरियर कंपनी के कर्मचारी के रूप में उनके फ्लैट में दाखिल हुए थे। मन्नान (35) पूर्व विदेश मंत्री दीपू मोनी के रिश्ते में भाई और अमेरिकी दूतावास के पूर्व प्रोटोकोल अधिकारी थे और वह अपने समलैंगिक अधिकार सक्रियता के लिए जाने जाते थे। तनय भी समलैंगिक अधिकारवादी कार्यकर्ता थे।
गार्ड को भी घायल कर दिया
कलाबगान में इस भवन के सुरक्षा गार्ड परवेज मुल्ला ने कहा, 'शाम को तीन लोग आए और उन्होंने दावा किया कि उनके पास मन्नान के लिए कूरियर है। जब मैं उनके पास गया और उनसे यह बात कही तो उन्होंने कहा कि उन्हें किसी पार्सल का इंतजार नहीं है। जब मैं वापस लौटा और उनकी बात बताई, तो उन्होंने इस बात के लिए दबाव बनाया कि मैं उन्हें उनसे मिलने दूं।' जब गार्ड ने विरोध किया तो उन लोगों ने उन पर धारदार हथियार से वार कर उन्हें घायल कर दिया।
दो दिन पहले उदारवादी प्रोफेसर की हुई थी हत्या
'डेली स्टार' के अनुसार पुलिस की विशेष शाखा के उपनिरीक्षक अब्दुल बारी ने बताया कि तब हमलावर मन्नान के फ्लैट पर गए और उन्होंने उन्हें एवं उनके दोस्त पर धारदार हथियार से ताबड़तोड़ वार किया। दोनों की मौके पर ही मौत हो गई। गौरतलब है कि दो दिन पहले ही एक विश्वविद्यालय के उदारवादी प्रोफेसर रिजाउल करीम सिद्दिकी की नृशंस हत्या कर दी गई थी और आईएस ने उसकी जिम्मेदारी ली थी।
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
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