
- अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप और उनके शीर्ष सलाहकार APEC शिखर सम्मेलन में साउथ कोरिया की यात्रा की तैयारी कर रहें.
- ट्रंप और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच द्विपक्षीय बैठक की गंभीर चर्चा, लेकिन अभी कोई ठोस योजना नहीं बनी.
- ग्योंगजू में होने वाले APEC सम्मेलन को दोनों नेताओं की संभावित मुलाकात का महत्वपूर्ण अवसर माना जा रहा है.
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उनके शीर्ष सलाहकार चुपचाप इस साल अक्टूबर में एशिया-प्रशांत आर्थिक सहयोग (APEC) शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए साउथ कोरिया की यात्रा करने की तैयारी कर रहे हैं. यहां चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ द्विपक्षीय बैठक के लिए गंभीर चर्चा हुई है, लेकिन अभी कोई ठोस योजना नहीं है. CNN ने शनिवार को ट्रंप प्रशासन के अधिकारियों का हवाला देते हुए यह रिपोर्ट छापी.
CNN की रिपोर्ट के अनुसार, ट्रंप प्रशासन के तीन अधिकारियों ने उसे बताया कि अमेरिकी राष्ट्रपति और उनके शीर्ष सलाहकार एशिया-प्रशांत आर्थिक सहयोग (APEC) व्यापार मंत्रियों की सभा में जाने की तैयारी कर रहे हैं.
CNN ने इस बात पर प्रकाश डाला कि कैसे पिछले महीने एक फोन कॉल में, शी ने ट्रंप और उनकी पत्नी को चीन आने के लिए न्योता दिया था. इसका अमेरिकी राष्ट्रपति ने भी जवाब दिया, हालांकि कोई तारीख तय नहीं की गई है.
CNN के अनुसार, हालांकि डिटेल्स को अभी भी अंतिम रूप दिया जा रहा है, लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि राष्ट्रपति यात्रा में अन्य पड़ाव जोड़ सकते हैं या नहीं. यानी कहीं वो साउथ कोरिया के बाद किसी और देश तो नहीं जाएंगे. अधिकारियों ने कहा कि प्रशासन इस यात्रा को राष्ट्रपति के लिए अमेरिका में अतिरिक्त आर्थिक निवेश सुरक्षित करने के अवसर के रूप में भी देख रहा है.
ट्रंप की यह यात्रा उन्हें एक बार फिर नॉर्थ कोरियाई नेता किम जोंग उन के साथ बैठक का मौका दे सकती है. हालांकि किम शिखर सम्मेलन में शामिल होंगे या नहीं यह अभी भी एक सवाल है. CNN ने बताया कि अधिकारियों का कहना है कि शी के साथ संभावित बैठक आयोजित करने पर अधिक ध्यान दिया जा रहा है.
डोनाल्ड ट्रंप की संभावित साउथ कोरिया की यात्रा उस समय हो सकती है जब शी जिनपिंग और किम, दोनों के साथ उनके संबंध कडवाहट भरे दिख रहे हैं. इस महीने की शुरुआत में तियानजिन में हाल ही में संपन्न SCO शिखर सम्मेलन को लेकर वाशिंगटन में नाराजगी जताई गई थी, जहां शी जिनपिंग ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और पीएम नरेंद्र मोदी की मेजबानी की थी. इसके बाद विक्ट्री डे परेड में जब जिनपिंग, पुतिन और किम जोंग एक साथ आएं तो सबसे बड़ा मैसेज अमेरिका को ही गया.
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