प्रवर्तन निदेशालय ने ब्रिटेन में बैठे इस्लामिक उपदेशक मौलाना शम्सुल हुदा खान के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है. यह एक ऐसा अनोखा मामला है जब विदेश में रह रहे किसी धार्मिक उपदेशक के खिलाफ PMLA के तहत कार्रवाई की गई है. ED की यह कार्रवाई UP ATS की FIR के आधार पर की गई है. आरोप है कि शम्सुल हुदा खान धार्मिक शिक्षा की आड़ में कट्टरपंथ फैलाने और अवैध फंडिंग में शामिल था.
सूत्रों के मुताबिक, आजमगढ़ में जन्मा शम्सुल खान अपनी NGO के नेटवर्क के जरिए मदरसों को फंड भेज रहा था. उसने आजमगढ़ और संत कबीर नगर में दो मदरसे स्थापित किए थे, जिनका रजिस्ट्रेशन बाद में रद्द कर दिया गया. जांच एजेंसियों का कहना है कि शम्सुल हुदा खान के UK में कट्टरपंथी संगठनों से भी संबंध सामने आए हैं. उसने ब्रिटेन की नागरिकता हासिल कर ली थी, लेकिन इसके बावजूद वह भारत आता-जाता रहा. सूत्रों के अनुसार, शम्सुल खान पाकिस्तान भी गया था और वहां के कट्टरपंथी संगठनों से उसके संपर्क बताए जा रहे हैं.ED अब फंडिंग नेटवर्क, विदेशी कनेक्शन और संपत्तियों की जांच कर रही है.

यूपी एटीएस की जांच में पता चला था कि हुदा ने विदेशी फंडिंग से 4 करोड़ रुपये संतकबीर नगर भेजे थे. खलीलाबाद में मौलाना हुदा का बेटा मदरसा चलाता है. लंदन में बैठकर शमशुल हुदा ने परिवार वालों के नाम पर कीमती प्रॉपर्टी खरीदी थी. हुदा पर संत कबीर नगर के खलीलाबाद में विदेशी मुद्रा अधिनियम के तहत केस दर्ज करके जांच शुरू कर दी गई है.
जांच एजेंसियों का कहना है कि शमसुल हुदा भारतीय मूल का ब्रिटिश नागरिक है. हुदा की दावत ए इस्लामी के साथ कई देशों में बैठकों के वीडियो और तस्वीरें भी सोशल मीडिया पर वायरल हुई थीं. साउथ अफ्रीका के प्रिटोरिया में हुई दावत ए इस्लामी की एक ऐसी ही बैठक में तो फ्री कश्मीर को लेकर नारेबाजी की थी.
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