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अमेरिका अगला हमला कहां करेगा? ट्रंप सरकार की बड़ी चूक, पत्रकार को ही चैट में किया लीक

डोनाल्ट ट्रंप के प्रशासन ने पुष्टि की है कि यमन में हूती सशस्त्र समूह पर होने हमले की जानकारी जिस एक प्राइवेट सोशल मीडिया चैट पर शेयर की जा रही थी, उसमें द अटलांटिक के एक पत्रकार को भी जोड़ लिया गया था.

अमेरिका अगला हमला कहां करेगा? ट्रंप सरकार की बड़ी चूक, पत्रकार को ही चैट में किया लीक
अमेरिका का अगला हमला कहां होगा? ट्रंप सरकार की बड़ी चूक, पत्रकार को ही चैट में किया लीक

अमेरिका की आर्मी का अगला हमला कब और कहां होगा? यह न हम जानते हैं और न आप. लेकिन हुआ यह है कि यह सेंसिटिव जानकारी एक पत्रकार के हाथ लग गयी. और जानकारी लीक करने वाला कोई बागी आर्मी जवान या दूसरे देश का सिक्रेट एजेंट नहीं बल्कि खुद राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के करीबी लोग हैं.

अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप के प्रशासन ने पुष्टि की है कि यमन में हूती सशस्त्र समूह पर होने हमले की जानकारी जिस एक प्राइवेट सोशल मीडिया चैट पर शेयर की जा रही थी, उसमें द अटलांटिक पत्रिका के एक पत्रकार को भी जोड़ लिया गया था.

सोमवार, 24 मार्च को द अटलांटिक ने एडिटर-इन-चीफ जेफरी गोल्डबर्ग का एक आर्टिकल छापा गया. इसमें उन्होंने आश्चर्यजनक खुलासा किया कि उन्हें एक ग्रूप चैट में जोड़ा गया था जहां उच्च-स्तरीय सरकारी अधिकारी सैन्य कार्रवाइयों पर चर्चा कर रहे थे.

उन्हें ग्रूप में जोड़ा था खुद व्हाइट हाउस के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार माइकल वाल्ट्ज ने. इस चैट ग्रूप के मेंबर में उपराष्ट्रपति जेडी वेंस, CIA डायरेक्टर जॉन रैटक्लिफ, व्हाइट हाउस के चीफ ऑफ स्टाफ सूसी विल्स और रक्षा सचिव पीट हेगसेथ सहित अन्य शामिल थे.

चैट में क्या बात हो रही थी?

गोल्डबर्ग ने अपने आर्टिकल की शुरुआती लाइनों में लिखा, "दुनिया को 15 मार्च को [18:00 GMT] दोपहर 2 बजे से कुछ पहले पता चला कि अमेरिका यमन में हूती ठिकानों पर बमबारी कर रहा था. "हालांकि, मुझे पहला बम फटने से होने से दो घंटे पहले पता था कि हमला हो सकता है. मुझे यह पता होने का कारण यह था कि रक्षा सचिव पीट हेगसेथ ने मुझे सुबह 11:44 बजे [15:44 GMT] वार प्लान भेजी थी.”

चैट में हुती समूह पर अगले हमले के डिटेल्स थे

चैट में हूती समूह पर अगले हमले के डिटेल्स थे
Photo Credit: द अटलांटिक, स्क्रीन शॉट

गोल्डबर्ग ने आर्टिकल में बताया कि उन्हें एन्क्रिप्टेड मैसेजिंग ऐप सिग्नल पर "माइकल वाल्ट्ज" नाम के एक यूजर से मैसेजिंग रिक्वेस्ट प्राप्त हुआ. सबसे पहले, उन्हें संदेह हुआ कि यह सच में ट्रंप के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार माइकल वाल्ट्ज ही हैं. लेकिन जल्द ही उनका अंदेशा यकीन में बदल गया. उन्होंने खुद को 18 सरकारी अधिकारियों के साथ चैट के बीच पाया जिसमें विदेश मंत्री मार्को रुबियो, उपराष्ट्रपति जेडी वेंस भी थे.

अब ट्रंप प्रशासन ने राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के एक बयान में इस घटना की पुष्टि की है. सुरक्षा परिषद के प्रवक्ता ब्रायन ह्यूजेस ने बयान में कहा, "इस समय, रिपोर्ट किया गया मैसेज थ्रेड ऑथेंटिक (सही) प्रतीत होता है. हम समीक्षा कर रहे हैं कि इसमें (चैट में) एक अनजाने नंबर को कैसे जोड़ा गया."

राष्ट्रपति ट्रंप से जब इस बारे में सवाल किया गया तो उन्होंने कहा, "मैं इसके बारे में कुछ नहीं जानता." साथ ही उन्होंने मैगजीन पर भी कटाक्ष किया. उन्होंने कहा, "मैं द अटलांटिक का बहुत बड़ा फैन नहीं हूं. मेरे लिए, यह एक ऐसा मैगजीन है जो बिजनेस से बाहर जा रही है. मुझे लगता है कि यह कोई मैगजीन नहीं है, लेकिन मैं इसके बारे में कुछ नहीं जानता."

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