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This Article is From Jun 09, 2025

अमेरिका में आज से इन 12 देशों के लोगों की 'नो एंट्री', जानें ट्रंप ने क्यों लगाया बैन

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के इस कदम से शरणार्थी मार्गों के बाधित होने और आव्रजन को और प्रतिबंधित करने की उम्मीद है. ट्रंप ने दोबारा राष्ट्रपति की कुर्सी पर बैठने के बाद से अवैध प्रवासियों पर अपनी कार्रवाईयों का विस्तार किया है.

अमेरिका में आज से इन 12 देशों के लोगों की 'नो एंट्री', जानें ट्रंप ने क्यों लगाया बैन
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप

राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अमेरिका के बॉर्डर को मजबूत करने में लगे हुए हैं ताकि उन लोगों को अंदर नहीं आने दिया जा सके जो वो नहीं चाहते हैं. ट्रंप ने 12 देशों के नागरिकों को अमेरिका में प्रवेश करने से रोक दिया है और यह बैन सोमवार को लागू हो गया.

इन 12 देशों के लोगों पर बैन

इस आदेश पर ट्रंप ने पिछले सप्ताह हस्ताक्षर किए थे. यह आदेश अफगानिस्तान, म्यांमार, चाड, कांगो-ब्रेजाविल, इक्वेटोरियल गिनी, इरिट्रिया, हैती, ईरान, लीबिया, सोमालिया, सूडान और यमन के नागरिकों को अमेरिका में प्रवेश करने से प्रतिबंधित करता है. इस बैन के दायरे में आने वाले कई देशों के साथ अमेरिका के प्रतिकूल संबंध हैं, जैसे ईरान और अफगानिस्तान. जबकि अन्य को, हैती और लीबिया जैसे, गंभीर संकट का सामना करना पड़ रहा है.

ट्रंप ने बुरुंडी, क्यूबा, ​​लाओस, सिएरा लियोन, टोगो, तुर्कमेनिस्तान और वेनेजुएला के यात्रियों पर भी आंशिक प्रतिबंध (पार्शियल बैन) लगाया है. उन देशों से कुछ अस्थायी कार्य वीजा (temporary work visas) की अनुमति दी जाएगी. ट्रंप ने चेतावनी देते हुए कहा, "जैसे ही दुनिया भर में खतरे उभरेंगे, नए देश जोड़े जा सकते हैं."

इस कदम से शरणार्थी मार्गों के बाधित होने और आव्रजन को और प्रतिबंधित करने की उम्मीद है. ट्रंप ने दोबारा राष्ट्रपति की कुर्सी पर बैठने के बाद से अवैध प्रवासियों पर अपनी कार्रवाईयों का विस्तार किया है.

कुछ अपवाद भी

ट्रंप के आदेश में कहा गया है कि यह बैन 2026 फुटबॉल वर्ल्डकप या 2028 लॉस एंजिल्स ओलंपिक में प्रतिस्पर्धा करने वाले एथलीटों पर लागू नहीं होगा. अमेरिका 2026 फुटबॉल वर्ल्डकप को कनाडा और मैक्सिको के साथ होस्ट करने वाला है. साथ ही यह बैन इन देशों के राजनयिकों पर लागू नहीं होगा.

संयुक्त राष्ट्र के अधिकार प्रमुख वोल्कर तुर्क ने चेतावनी दी कि "नए यात्रा प्रतिबंध की व्यापक और व्यापक प्रकृति अंतरराष्ट्रीय कानून के दृष्टिकोण से चिंता पैदा करती है." अमेरिकी डेमोक्रेटिक सांसदों और निर्वाचित अधिकारियों ने बैन को कठोर और असंवैधानिक बताया है.

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