
- रूस ने अमेरिकी टैरिफ नीति को देशों की संप्रभुता का उल्लंघन और उनके आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करार दिया है.
- रूसी प्रवक्ता ने बहुपक्षीय और समान विश्व व्यवस्था बनाने के लिए ग्लोबल साउथ के साथ सहयोग बढ़ाने की इच्छा जताई.
- ट्रंप ने ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका सहित BRICS देशों के खिलाफ टैरिफ से दबाव बढ़ाया है.
रूस ने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की सरकार पर वाशिंगटन के आधिपत्य को बनाए रखने के लिए ग्लोबल साउथ में देशों के खिलाफ "नव-उपनिवेशवादी" नीति अपनाने का आरोप लगाया है, और कहा है कि कोई भी टैरिफ और प्रतिबंध इतिहास की धारा को नहीं बदल सकते हैं. रूस के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया जखारोवा ने अमेरिकी प्रशासन द्वारा टैरिफ को कड़ा करने के संबंध में मीडिया के एक सवाल के जवाब में यह टिप्पणी की.
रूसी प्रवक्ता ने "वास्तव में बहुपक्षीय" और समान विश्व व्यवस्था (वर्ल्ड ऑर्डर) बनाने के लिए इन देशों के साथ सहयोग को बढ़ावा देने की रूस की इच्छा व्यक्त की.
यह पूछे जाने पर कि रूस ग्लोबल साउथ में उसके प्रमुख भागीदारों के खिलाफ टैरिफ को बढ़ाने की वाशिंगटन की नीति को कैसे देखता है, जखारोवा ने कहा, "टैरिफ और प्रतिबंध दुर्भाग्य से वर्तमान ऐतिहासिक काल की एक परिभाषित विशेषता बन गए हैं, जो दुनिया भर के देशों को प्रभावित कर रहे हैं. एक बहुध्रुवीय अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था उभर रही है और इसमें अपने प्रभुत्व के कमजोर होने को स्वीकार करने में असमर्थ, वाशिंगटन एक नव-उपनिवेशवादी एजेंडे को आगे बढ़ाने में लगा हुआ है. वह अंतरराष्ट्रीय मंच पर एक आजाद रास्ता चुनने वालों के खिलाफ राजनीतिक रूप से प्रेरित आर्थिक दबाव बना रहा है.”
"हम दृढ़ता से मानते हैं कि कोई भी टैरिफ युद्ध या प्रतिबंध इतिहास की प्राकृतिक धारा को रोक नहीं सकता है. हमें बड़ी संख्या में साझेदारों, समान विचारधारा वाले देशों और सहयोगियों का समर्थन प्राप्त है, विशेष रूप से ग्लोबल साउथ के देशों और सबसे ऊपर, ब्रिक्स के भीतर, जो इस दृष्टिकोण को साझा करते हैं." जखारोवा ने आगे बताया कि रूस सहयोग को गहरा करने और "गैरकानूनी एकतरफा प्रतिबंधों" का विरोध करने के लिए तैयार है.
🎙 Russian MFA Spokeswoman Maria #Zakharova:
— MFA Russia 🇷🇺 (@mfa_russia) August 4, 2025
Washington is unable to accept the erosion of its dominance in an emerging multipolar international order.
❗️ No tariff wars or sanctions can halt the natural course of history. https://t.co/EU2NKETj7y pic.twitter.com/SYJtlpcaib
जखारोवा मूल रूप से ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका के ब्लॉक- ब्रिक्स का जिक्र कर रही थी, जिसका विस्तार 2024 में मिस्र, इथियोपिया, ईरान और संयुक्त अरब अमीरात को शामिल करने के लिए किया गया, जिसमें इंडोनेशिया 2025 में शामिल हो गया.
उन्होंने कहा कि अमेरिकी नीति आर्थिक विकास में मंदी, आपूर्ति श्रृंखलाओं को नुकसान और वैश्विक अर्थव्यवस्था के विखंडन से भरी है. उन्होंने कहा, "मुक्त व्यापार के क्षेत्र में बुनियादी प्रावधानों के विपरीत, जिसे पश्चिमी देशों ने खुद एक बार बढ़ावा दिया था, वहां राजनीति से प्रेरित संरक्षणवाद और टैरिफ बाधाओं को जानबूझ कर बनाया गया है."
क्या BRICS को ट्रंप कर रहे मजबूत?
अगर आप देखेंगे तो ट्रंप ने अभी ब्रिक्स के पांचों संस्थापक देशों के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है. ब्राजील के खिलाफ उन्होंने 50 प्रतिशत टैरिफ लगाया है, रूस पर यूक्रेन युद्ध की वजह से तमाम प्रतिबंध लगा रखे हैं और जल्द टैरिफ का ऐलान भी करेंगे, भारत पर 25 प्रतिशत टैरिफ के अलावा रूस से व्यापार के लिए अतिरिक्त जुर्माने की बात की है, चीन टकराव थोड़ा मध्यम हुआ है क्योंकि व्यापार वार्ता अभी भी चल रही है, साउथ अफ्रीका भी उनके निशाने पर है, उसपर ट्रंप ने 30 प्रतिशत तक टैरिफ लगाया है.
एक बात तो साफ है कि ट्रंप पूरे ब्रिक्स को ही अमेरिका का दुश्मन मानते हैं और आरोप लगाते हैं कि ब्रिक्स देश मिलकर ग्लोबल करेंसी के रूप में डॉलर की स्थिति को कमजोर करना चाहते हैं. जिस तरह से उन्होने ब्रिक्स देशों को निशाने पर लिया है, यह दबाव ही कहीं इनको और करीब लाने की वजह न बन जाए. रूसी प्रवक्ता के बयान से भी यहीं संकेत मिलता है.
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