वाशिंगटन:
अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कई अरब डॉलर के उस सौदे को बहुत महंगा और 'मूर्खतापूर्ण' बताते हुए रद्द करने की बात कही, जिसके तहत विमान निर्माता कंपनी बोइंग को राष्ट्रपति का विमान 'एयरफोर्स वन' तैयार करने की ज़िम्मेदारी सौंपी गई थी.
डोनाल्ड ट्रंप ने माइक्रो-ब्लॉगिंग वेबसाइट ट्विटर पर लिखा, "बोइंग भावी राष्ट्रपतियों के लिए बिल्कुल नया 747 एयरफोर्स वन बना रहा है, लेकिन उसकी कीमत काबू से बाहर जा रही हैं, चार अरब डॉलर से भी ज़्यादा... ऑर्डर रद्द करें...!"
जब जनवरी, 2015 में बोइंग को दो 747-8 जम्बो जेट विमानों को वर्ष 2024 तक अत्याधुनिक लक्ज़री कमांड सेंटरों में तब्दील करने का ठेका दिया गया था, इसकी लागत तीन अरब डॉलर रहने का अनुमान था.
'एयरफोर्स वन' कहलाने वाले हल्के नीले और सफेद रंग के जाने-पहचाने विमान, जिसके ढांचे पर 'यूनाइटेड स्टेट्स ऑफ अमेरिका' लिखा रहता है, और विमान की टेल पर अमेरिका का झंडा बना रहता है, अमेरिकी ताकत का प्रतीक माने जाते हैं. 'एयरफोर्स वन' के रूप में उड़ने वाले मौजूदा डबल-डेकर 747-200 विमान, जिनका ऑर्डर रोनाल्ड रीगन के कार्यकाल में दिया गया था, और जिन्हें वर्ष 1990 में राष्ट्रपति की सेवा में तैनात किया गया था, अब पुराने होते जा रहे हैं.
इस साल की शुरुआत में अमेरिकी एयरफोर्स ने उन कॉन्ट्रैक्टों में से पहला जारी किया था, जिनके तहत नए एयरफोर्स वन तैयार करवाए जाने थे.
विडम्बना यह है कि राष्ट्रपति का नया विमान बनाने के कॉन्ट्रैक्ट की लागत कम से कम रखने के लिए उपाय तलाश करने पर भी दो करोड़ 57 लाख डॉलर खर्च किए गए. लेकिन फिर भी लागत बढ़ती चली गई, जिससे डोनाल्ड ट्रंप को ऐसी प्रतिक्रिया देने का मौका मिला.
मैनहट्टन स्थित अपने मुख्यालय 'ट्रंप टॉवर' में पत्रकारों से बातचीत करते हुए डोनाल्ड ट्रंप ने कहा, "हम चाहते हैं कि बोइंग अच्छा पैसा कमाए, लेकिन इतना ज़्यादा नहीं..." उन्होंने कहा कि चार अरब डॉलर की अनुमानित लागत 'पूरी तरह काबू से बाहर' और 'मूर्खतापूर्ण' है.
डोनाल्ड ट्रंप ने माइक्रो-ब्लॉगिंग वेबसाइट ट्विटर पर लिखा, "बोइंग भावी राष्ट्रपतियों के लिए बिल्कुल नया 747 एयरफोर्स वन बना रहा है, लेकिन उसकी कीमत काबू से बाहर जा रही हैं, चार अरब डॉलर से भी ज़्यादा... ऑर्डर रद्द करें...!"
जब जनवरी, 2015 में बोइंग को दो 747-8 जम्बो जेट विमानों को वर्ष 2024 तक अत्याधुनिक लक्ज़री कमांड सेंटरों में तब्दील करने का ठेका दिया गया था, इसकी लागत तीन अरब डॉलर रहने का अनुमान था.
'एयरफोर्स वन' कहलाने वाले हल्के नीले और सफेद रंग के जाने-पहचाने विमान, जिसके ढांचे पर 'यूनाइटेड स्टेट्स ऑफ अमेरिका' लिखा रहता है, और विमान की टेल पर अमेरिका का झंडा बना रहता है, अमेरिकी ताकत का प्रतीक माने जाते हैं. 'एयरफोर्स वन' के रूप में उड़ने वाले मौजूदा डबल-डेकर 747-200 विमान, जिनका ऑर्डर रोनाल्ड रीगन के कार्यकाल में दिया गया था, और जिन्हें वर्ष 1990 में राष्ट्रपति की सेवा में तैनात किया गया था, अब पुराने होते जा रहे हैं.
इस साल की शुरुआत में अमेरिकी एयरफोर्स ने उन कॉन्ट्रैक्टों में से पहला जारी किया था, जिनके तहत नए एयरफोर्स वन तैयार करवाए जाने थे.
विडम्बना यह है कि राष्ट्रपति का नया विमान बनाने के कॉन्ट्रैक्ट की लागत कम से कम रखने के लिए उपाय तलाश करने पर भी दो करोड़ 57 लाख डॉलर खर्च किए गए. लेकिन फिर भी लागत बढ़ती चली गई, जिससे डोनाल्ड ट्रंप को ऐसी प्रतिक्रिया देने का मौका मिला.
मैनहट्टन स्थित अपने मुख्यालय 'ट्रंप टॉवर' में पत्रकारों से बातचीत करते हुए डोनाल्ड ट्रंप ने कहा, "हम चाहते हैं कि बोइंग अच्छा पैसा कमाए, लेकिन इतना ज़्यादा नहीं..." उन्होंने कहा कि चार अरब डॉलर की अनुमानित लागत 'पूरी तरह काबू से बाहर' और 'मूर्खतापूर्ण' है.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं