नई दिल्ली:
भारत सरकार द्वारा हस्तक्षेप के बाद बीजिंग में चल रही प्रदर्शनी से 2002 में हुये गुजरात दंगों पर बने वृत्तचित्र को हटा दिया गया है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता सैयद अकबरुद्दीन ने बताया, ‘‘प्रदर्शनी में एक वीडियो शामिल था जो करीब चार मिनट लंबा था। इसमें राजनीतिक विवाद का अभास हो रहा था। हमारे अधिकारियों ने आयोजकों से संपर्क किया और इसके बाद आयोजकों ने इसे हटा लिया।’’ उन्होंने कहा कि यह वीडियो भारतीय राजमार्ग कला प्रदर्शनी का हिस्सा था जिसका उद्घाटन चीन में भारतीय राजदूत एस जयशंकर ने किया था।
सूत्रों ने बताया कि इस शॉर्ट फिल्म में गुजरात दंगों के बाद कुछ लोगों की प्रतिक्रियायें शामिल थीं। इस प्रदर्शनी में 29 भारतीय कलाकार शामिल हैं। यह प्रदर्शनी बीजिंग से पहले लंदन, ओस्लो, हनिर्ंग, ल्यॉन, नयी दिल्ली और रोम में भी आयोजित हो चुकी है।
भाजपा ने इस वीडियो को आपत्तिजनक बताया था और सरकार से गुहार की थी कि वह बीजिंग में भारतीय राजदूत से स्पष्टीकरण मांगे। भाजपा प्रवक्ता निर्मला सीतारमन ने कहा था कि इस वीडियो में बताया गया है कि भारतीय लोकतंत्र विफल हो गया है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता सैयद अकबरुद्दीन ने बताया, ‘‘प्रदर्शनी में एक वीडियो शामिल था जो करीब चार मिनट लंबा था। इसमें राजनीतिक विवाद का अभास हो रहा था। हमारे अधिकारियों ने आयोजकों से संपर्क किया और इसके बाद आयोजकों ने इसे हटा लिया।’’ उन्होंने कहा कि यह वीडियो भारतीय राजमार्ग कला प्रदर्शनी का हिस्सा था जिसका उद्घाटन चीन में भारतीय राजदूत एस जयशंकर ने किया था।
सूत्रों ने बताया कि इस शॉर्ट फिल्म में गुजरात दंगों के बाद कुछ लोगों की प्रतिक्रियायें शामिल थीं। इस प्रदर्शनी में 29 भारतीय कलाकार शामिल हैं। यह प्रदर्शनी बीजिंग से पहले लंदन, ओस्लो, हनिर्ंग, ल्यॉन, नयी दिल्ली और रोम में भी आयोजित हो चुकी है।
भाजपा ने इस वीडियो को आपत्तिजनक बताया था और सरकार से गुहार की थी कि वह बीजिंग में भारतीय राजदूत से स्पष्टीकरण मांगे। भाजपा प्रवक्ता निर्मला सीतारमन ने कहा था कि इस वीडियो में बताया गया है कि भारतीय लोकतंत्र विफल हो गया है।
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