- अमेरिका स्थित प्रतिबंधित संगठन सिख फॉर जस्टिस ने दिलजीत दोसांझ के ऑस्ट्रेलिया शो को बंद कराने की धमकी दी है
- SFJ ने आरोप लगाया कि दिलजीत दोसांझ ने अमिताभ बच्चन के पैर छूकर 1984 के सिख नरसंहार के पीड़ितों का अपमान किया
- गृह मंत्रालय के अनुसार SFJ देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए खतरा है और इसे UAPA के तहत प्रतिबंधित किया गया है
अमेरिका स्थित खालिस्तानी आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू के भारत विरोधी संगठन- सिख फॉर जस्टिस (SFJ) ने 1 नवंबर को ऑस्ट्रेलिया में सिंगर दिलजीत दोसांझ के होने वाले शो को बंद करवाने के लिए धमकी दी है. एक बयान में SFJ ने कहा कि दोसांझ ने बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन के पैर छूकर "1984 सिख नरसंहार के हर पीड़ित, हर विधवा और हर अनाथ का अपमान किया है".
इस प्रतिबंधित संगठन ने आरोप लगाया कि बिग बच्चन ने 31 अक्टूबर, 1984 को सार्वजनिक रूप से नरसंहार के नारे- 'खून के बदले खून' के साथ हिंदुस्तानी भीड़ को उकसाया था. इस नारे को लेकर दावा किया जाता है कि इसके जरिए लोगों को उकसाया गया था और नरसंहार हिंसा की जमीन तैयार की गई थी, जिसमें पूरे भारत में 30,000 से अधिक सिख पुरुष, महिलाएं और बच्चे मारे गए. अब आतंकी पन्नू ने कहा है, "उस बच्चन के पैर छूकर, जिसके शब्दों ने नरसंहार की साजिश रची, दिलजीत दोसांझ ने 1984 के सिख नरसंहार के हर पीड़ित, हर विधवा और हर अनाथ का अपमान किया है."
संयोग से, अकाल तख्त साहिब ने 1 नवंबर को ही "सिख नरसंहार स्मृति दिवस" घोषित किया है.
सिख फॉर जस्टिस पर लगा हुआ है बैन
SFJ अपनी राष्ट्र-विरोधी गतिविधियों के लिए गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम यानी UAPA के तहत एक प्रतिबंधित संगठन है. गृह मंत्रालय के अनुसार SFJ देश की आंतरिक सुरक्षा और अखंडता के लिए हानिकारक है. मंत्रालय ने पहले कहा था कि SFJ पंजाब और अन्य जगहों पर राष्ट्र-विरोधी और विध्वंसक गतिविधियों में शामिल है और इसका इरादा भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता को बाधित करने का है.
केंद्र सरकार के अनुसार, SFJ का उग्रवादी संगठनों और उनके उग्रवादियों के साथ घनिष्ठ संबंध हैं. यह सक्रिय रूप से अलगाववादी गतिविधियों को प्रोत्साहित और सहायता करता है, जिसमें भारत की लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई सरकार को अस्थिर करने के प्रयास भी शामिल हैं. राष्ट्रीय जांच एजेंसी यानी NIA ने पन्नू के खिलाफ कई मामले दर्ज किए हैं और उनकी जांच कर रही है. वह SFJ का संस्थापक है और उसके खिलाफ 100 से अधिक मामले हैं, जिनमें से सभी की जांच या तो NIA या उन राज्यों द्वारा की जा रही है जहां वे रजिस्टर्ड हैं.
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