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This Article is From Dec 18, 2013

भारत के जवाबी कदमों के बाद अमेरिका ने अपने राजनयिकों के लिए सुरक्षा मांगी

भारत के जवाबी कदमों के बाद अमेरिका ने अपने राजनयिकों के लिए सुरक्षा मांगी
वाशिंगटन:

अमेरिका में अपनी एक राजनयिक की गिरफ्तारी और उसके साथ हुए अमानवीय व्यवहार को लेकर भारत द्वारा उठाए गए कई प्रतिक्रिया कदमों के बाद वाशिंगटन ने नई दिल्ली से अपील की कि वह विएना संधि के सिद्धांतों को कायम रखे और भारत में तैनात अमेरिकी राजनयिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करे।

अमेरिकी विदेश विभाग की उप-प्रवक्ता मैरी हर्फ ने अपने नियमित संवाददाता सम्मेलन में कहा, हमने उच्च स्तर पर भारत सरकार को अपनी उम्मीदों से अवगत कराया है कि भारत विएना संधि के तहत राजनयिक संबंधों तथा वाणिज्य दूत संबंधों को लेकर अपने सभी दायित्वों को निभाना जारी रखे।

हर्फ ने कहा, हम भारत के साथ यह सुनिश्चित करने के लिए लगातार काम करते रहेंगे कि हमारे राजनयिकों और वाणिज्य दूत अधिकारियों को पूर्ण अधिकार और सुरक्षा मुहैया हो। हमारे प्रतिष्ठानों की रक्षा सुरक्षा हो..हम इस पर भारतीयों के साथ काम करते रहेंगे। वह देवयानी खोबरागडे के साथ कथित अमानवीय व्यवहार को लेकर भारत द्वारा अमेरिकी राजनयिकों के कुछ विशेषाधिकार छीने जाने के बारे में पूछे गए सवालों का जवाब दे रही थीं।

हर्फ ने दावा किया कि भारत सरकार को सितंबर में खोबरागडे के खिलाफ वीजा फर्जीवाड़े के आरोपों के बारे में सूचित कर दिया गया था।

उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा, विदेश विभाग ने भारतीय दूतावास को सितंबर में एक भारतीय नागरिक द्वारा न्यूयॉर्क में तैनात भारत की उप-महावाणिज्य दूत के बारे में लगाए गए आरोपों के बारे में लिखित में सूचित कर दिया था। हर्फ ने कहा कि अमेरिका अपने प्रतिष्ठानों की उचित सुरक्षा के लिए भारत सरकार के साथ बातचीत जारी रखेगा।

उन्होंने कहा कि अमेरिकी विदेश विभाग के अधिकारी इस मुद्दे पर भारतीय अधिकारियों के संपर्क में हैं ।

वहीं देवयानी खोब्रागडे के अटार्नी (वकील) का कहना है कि अपने राजनयिक दर्जे के कारण उन्हें मुकदमे से छूट हासिल है और जो हुआ वह अमेरिकी अंतरराष्ट्रीय प्रोटोकॉल की शर्मनाक असफलता है।

उनके वकील डेनियल एन अर्शहाक ने कहा, अपने राजनयिक दर्जे के कारण डॉ खोब्रागडे को मुकदमे से छूट मिली हुई है। उन्होंने कहा, यह पूरा अभियोजन फैसले में बेहद गंभीर भूल को दर्शाता है और यह अमेरिकी अंतरराष्ट्रीय प्रोटोकॉल की शर्मनाक असफलता है।

उन्होंने उम्मीद जाहिर की है कि मामले को जल्द राजनयिक और भारतीय तथा अमेरिकी सरकार के उच्चतर स्तर के प्राधिकार द्वारा हल कर लिया जाएगा और एक गलत अभियोजन जारी रखना हमारे देशों के बीच आपसी हितों के लिए ठीक नहीं होगा।

अमेरिकी प्रशासन की ओर खोब्रागडे के साथ हुए सलूक पर अर्शहाक ने कहा कि उनकी बेटी के स्कूल के सामने सड़क पर गिरफ्तारी और कपड़े उतारकर तलाशी लेने की कोई वजह ही नहीं है।

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