अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (फाइल फोटो)
वाशिंगटन:
अमेरिका के खुफिया प्रमुख ने कहा है कि भारत और अफगानिस्तान के खिलाफ आतंकवादियों को इस्तेमाल करने की पाकिस्तान की नीति नहीं बदली है और वहां आतंकवादी पनाहगाहों की खत्म करने के लिए वाशिंगटन हरसंभव कदम उठाएगा. सीआईए निदेशक माइक पोम्पेव ने कैलीफोर्निया में सप्ताहांत में रीगन नेशनल डीफेंस फोरम से कहा कि यह संदेश रक्षा मंत्री जेम्स मैटिस को पाकिस्तान के शीर्ष नेताओं के साथ अपनी मुलाकात में उन्हें देने की जिम्मेदारी दी गई है. उन्होंने कहा, ‘‘...यह सुनिश्चित करने के लिए हम हर चीज करने जा रहे हैं कि सुरक्षित पनाहगाह (आतंकवादियों के) अब नहीं रहेंगे.’’ वहीं, सीआईए के पूर्व निदेशक लियोन पनेटा ने कहा कि पाकिस्तान हमेशा से एक समस्या रहा है.
उन्होंने कहा, ‘‘आतंकवादियों के लिए यह एक सुरक्षित पनाहगाह है जो सीमा पार करते हैं, अफगानिस्तान में हमले करते हैं और फिर वापस पाकिस्तान में जाते हैं. हमने पाकिस्तान को समझाने की हर संभव कोशिश की है. लेकिन पाकिस्तान मानने को तैयार नहीं है.
पनेटा ने कहा कि आतंकवाद से निपटने में पाकिस्तान के पास इस तरह का दोहरा मानदंड है. एक ओर तो वे आतंकवाद को पसंद नहीं करते, वहीं दूसरी ओर वे अफगानिस्तान और भारत से निपटने में आतंकवादियों का इस्तेमाल करने में कुछ नहीं सोचते. उनकी यही नीति है. उन्होंने कहा कि इसलिए पाकिस्तान हमेशा से एक सवालिया निशान रहा है.
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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
उन्होंने कहा, ‘‘आतंकवादियों के लिए यह एक सुरक्षित पनाहगाह है जो सीमा पार करते हैं, अफगानिस्तान में हमले करते हैं और फिर वापस पाकिस्तान में जाते हैं. हमने पाकिस्तान को समझाने की हर संभव कोशिश की है. लेकिन पाकिस्तान मानने को तैयार नहीं है.
पनेटा ने कहा कि आतंकवाद से निपटने में पाकिस्तान के पास इस तरह का दोहरा मानदंड है. एक ओर तो वे आतंकवाद को पसंद नहीं करते, वहीं दूसरी ओर वे अफगानिस्तान और भारत से निपटने में आतंकवादियों का इस्तेमाल करने में कुछ नहीं सोचते. उनकी यही नीति है. उन्होंने कहा कि इसलिए पाकिस्तान हमेशा से एक सवालिया निशान रहा है.
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