वाशिंगटन:
एक अमेरिकी सांसद ने सीनेट में विधेयक पेश कर पाकिस्तान को तब तक वित्तीय सहायता रोकने का अनुरोध किया है जब तक कि वह अल कायदा सरगना ओसामा बिन लादेन की पहचान सुनिश्चित करने में अमेरिका की खुफिया एजेंसी सीआईए की मदद करने वाले पाकिस्तानी डॉक्टर शकील अहमद को दोषमुक्त कर बरी न कर दे।
समाचार एजेंसी 'ऑनलाइन' के अनुसार, विधेयक में प्रस्ताव किया गया है कि पाकिस्तान को तब तक अमेरिका की ओर से मिलने वाली विदेशी सहायता राशि न दी जाए, जब तक कि वह अफरीदी को बरी कर उन्हें देश छोड़ने की अनुमति नहीं दे देता।
पाकिस्तान ने सीआईए की मदद करने वाले के लिए अफरीदी को 33 साल कैद की सजा सुनाई है।
सीनेटर रैंड पॉल की ओर से पेश एक अन्य विधेयक में अफरीदी को अमेरिकी नागरिकता देने का अनुरोध किया गया है।
पॉल के अनुसार, "पाकिस्तान को समझना चाहिए कि वह गलत पक्ष चुन रहा है। पाकिस्तान ने डॉक्टर अफरीदी पर देश के खिलाफ काम करने का आरोप लगाया है, लेकिन वह अल कायदा सरगना लादेन को पकड़ने में अमेरिका की केवल मदद कर रहे थे।"
पॉल ने यह भी कहा कि अमेरिका, पाकिस्तान को जो भी सहायता राशि देता है, उसका इस्तेमाल अंतत: उसके खिलाफ ही होता है।
इस बीच, अमेरिका को अब भी पाकिस्तान से अफरीदी के मुद्दे पर स्पष्टीकरण का इंतजार है। 'जियो न्यूज' के अनुसार, अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मार्क टोनर ने कहा, "हमें अब तक कोई नई जानकारी नहीं मिली है। हमारी स्थिति बिल्कुल स्पष्ट है।" उन्होंने कहा कि अमेरिका को नहीं लगता कि पाकिस्तान के पास अफरीदी को बंधक बनाने या किसी गलत कार्य के लिए दोषी ठहराने का पर्याप्त आधार है।
अफरीदी ने लादेन और उसके परिवार की सदस्यों की पहचान सुनिश्चित करने के लिए सीआईए के साथ मिलकर एबटाबाद में फर्जी टीकाकरण अभियान चलाया था, ताकि इस बहाने लादेन व उसके परिवार के सदस्यों के रक्त के नमूने लिए जा सकें।
लादेन को अमेरिका ने पिछले साल दो मई को पाकिस्तान के एबटाबाद में एकपक्षीय अभियान में मार गिराया था। इसके बाद अफरीदी को तोरखम में पाकिस्तान-अफगानिस्तान सीमा से गिरफ्तार किया गया था, जब वह देश से भागने की कोशिश कर रहे थे।
समाचार एजेंसी 'ऑनलाइन' के अनुसार, विधेयक में प्रस्ताव किया गया है कि पाकिस्तान को तब तक अमेरिका की ओर से मिलने वाली विदेशी सहायता राशि न दी जाए, जब तक कि वह अफरीदी को बरी कर उन्हें देश छोड़ने की अनुमति नहीं दे देता।
पाकिस्तान ने सीआईए की मदद करने वाले के लिए अफरीदी को 33 साल कैद की सजा सुनाई है।
सीनेटर रैंड पॉल की ओर से पेश एक अन्य विधेयक में अफरीदी को अमेरिकी नागरिकता देने का अनुरोध किया गया है।
पॉल के अनुसार, "पाकिस्तान को समझना चाहिए कि वह गलत पक्ष चुन रहा है। पाकिस्तान ने डॉक्टर अफरीदी पर देश के खिलाफ काम करने का आरोप लगाया है, लेकिन वह अल कायदा सरगना लादेन को पकड़ने में अमेरिका की केवल मदद कर रहे थे।"
पॉल ने यह भी कहा कि अमेरिका, पाकिस्तान को जो भी सहायता राशि देता है, उसका इस्तेमाल अंतत: उसके खिलाफ ही होता है।
इस बीच, अमेरिका को अब भी पाकिस्तान से अफरीदी के मुद्दे पर स्पष्टीकरण का इंतजार है। 'जियो न्यूज' के अनुसार, अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मार्क टोनर ने कहा, "हमें अब तक कोई नई जानकारी नहीं मिली है। हमारी स्थिति बिल्कुल स्पष्ट है।" उन्होंने कहा कि अमेरिका को नहीं लगता कि पाकिस्तान के पास अफरीदी को बंधक बनाने या किसी गलत कार्य के लिए दोषी ठहराने का पर्याप्त आधार है।
अफरीदी ने लादेन और उसके परिवार की सदस्यों की पहचान सुनिश्चित करने के लिए सीआईए के साथ मिलकर एबटाबाद में फर्जी टीकाकरण अभियान चलाया था, ताकि इस बहाने लादेन व उसके परिवार के सदस्यों के रक्त के नमूने लिए जा सकें।
लादेन को अमेरिका ने पिछले साल दो मई को पाकिस्तान के एबटाबाद में एकपक्षीय अभियान में मार गिराया था। इसके बाद अफरीदी को तोरखम में पाकिस्तान-अफगानिस्तान सीमा से गिरफ्तार किया गया था, जब वह देश से भागने की कोशिश कर रहे थे।