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This Article is From Jul 07, 2021

अमेरिका में कोविड-19 के 51% से अधिक मामलों के लिए घातक डेल्‍टा वेरिएंट जिम्‍मेदार : CDC

डेल्‍टा वेरिएंट का पहली बार भारत में दिसंबर में पता चला था और यह दुनियाभर में तेजी से फैल रहा है. अमेरिका के कुछ हिस्सों में डेल्टा वेरिएंट संक्रमण के 80 प्रतिशत से अधिक नए मामलों के लिए जिम्मेदार है.

अमेरिका में कोविड-19 के 51% से अधिक मामलों के लिए घातक डेल्‍टा वेरिएंट जिम्‍मेदार : CDC
डेल्‍टा वेरिएंट को बी.1.617.2 के नाम से भी जाना जाता है
ह्यूस्टन:

अमेरिका में कोरोना वायरस (Coronavirus In US) का अत्यधिक संक्रामक, डेल्टा वेरिएंट (Delta variant) देश में कोविड संक्रमण के 51 प्रतिशत से अधिक मामलों (COVID-19 cases) के लिए जिम्मेदार है. रोग नियंत्रण और रोकथाम केन्द्रों (सीडीएस) द्वारा जारी किये गये नये आंकड़ों में यह जानकारी दी गई है. इस वेरिएंट को बी.1.617.2 के नाम से भी जाना जाता है. इस वेरिएंट का पहली बार भारत में दिसंबर में पता चला था और यह दुनियाभर में तेजी से फैल रहा है. अमेरिका के कुछ हिस्सों में डेल्टा वेरिएंट संक्रमण के 80 प्रतिशत से अधिक नए मामलों के लिए जिम्मेदार है. सीडीसी के अनुमानों के अनुसार यूटा और कोलोराडो सहित पश्चिमी राज्यों में संक्रमण के 74.3 प्रतिशत मामलों और टेक्सास, लुइसियाना, अर्कांसस और ओक्लाहोमा जैसे दक्षिणी राज्यों में संक्रमण के 58.8 प्रतिशत मामलों के लिए यह वेरिएंट जिम्मेदार है.

आंकड़ों के अनुसार, कोविड संक्रमण के नए मामलों में से 51.7 प्रतिशत के लिए डेल्टा वेरिएंट जिम्मेदार हैं. अमेरिका के राष्ट्रीय एलर्जी एवं संक्रामक रोग संस्थान के निदेशक डॉ. एंथनी फाउची ने मंगलवार को ‘सीएनएन' को बताया, ‘‘टीकाकरण कराना क्यों जरूरी है तो इसका कारण यह वेरिएंट है.''उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने टीका नहीं लगवाया है, उन्हें इस वेरिएंट से संक्रमित होने का बहुत खतरा है. उन्होंने कहा कि यह वेरिएंट न केवल अधिक संक्रामक है बल्कि यह अधिक गंभीर बीमारी का कारण भी बन सकता है. विशेषज्ञों का मानना ​​है कि आने वाले हफ्तों में इसके देश में सबसे अधिक संक्रामक रूप लेने की आशंका है. टेक्सास में ‘गैल्वेस्टन काउंटी हेल्थ डिस्ट्रिक्ट' के अनुसार 450 से अधिक वयस्कों और युवाओं ने गैल्वेस्टन काउंटी के एक शिविर में भाग लिया और 57 मामलों की पुष्टि की गई है.

अधिकारियों ने कहा कि अब तक सामने आए 57 मामलों में से छह ''ब्रेकथ्रू'' मामले हैं. कोविडरोधी दूसरा टीका लगने के 14 दिन से अधिक समय बाद संक्रमण की चपेट में आने वाले मामलों को ब्रेकथ्रू कहा जा रहा है.डॉ फिलिप केइज़र ने कहा, ‘‘हम डेल्टा वेरिएंट को लेकर यह परीक्षण कर रहे हैं कि इसके समूह के बीच तेजी से फैलने का कारण क्या है. सावधान रहें, खासकर जब किसी बैठक में बच्चों की भागीदारी की योजना बना रहे हैं और उनमें से अधिकांश को अभी तक टीका नहीं लगाया गया है.''सीडीसी के अनुसार, 12 से 15 वर्ष के बीच के पांच बच्चों में से एक को पूरी तरह से टीका लगाया जाता है जबकि 16 से 17 साल के आयु वर्ग में, तीन में से लगभग एक को टीका लगाया गया है. स्थानीय स्वास्थ्य अधिकारियों का कहना है कि डेल्टा वेरिएंट से संक्रमित वयस्कों और बच्चों की बढ़ती संख्या के बारे में चिंता बढ़ रही है.

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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