आतंकवाद के खिलाफ ऐतिहासिक रूप से नाराजगी और एकजुटता जाहिर करने के लिए पेरिस की सड़कों पर आज भारी भीड़ जुटी और 40 से अधिक विश्व नेताओं ने रैली का नेतृत्व किया। यह रैली पेरिस में तीन दिन हुए आतंकी हमलों में मारे गए 17 लोगों के सम्मान में निकाली गई।
नेता फ्रांस की राजधानी में हजारों लोगों का नेतृत्व कर रहे थे, जो एक व्यंग्य पत्रिका के दफ्तर, कोशेर सुपर मार्केट और पुलिस पर बंदूकधारियों के हमले के बाद एकत्र हुए थे। रैली में नेताओं के शामिल होने की हर ओर प्रशंसा हुई। कड़ी सुरक्षा के बीच निकाली गई इस रैली में विविधता में एकजुटता नजर आई।
आतंकी हमलों में मारे गए लोगों के परिजन विश्व नेताओं के साथ रैली में सबसे आगे थे। रैली में फ्रांसीसी राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद, रूस और यूक्रेन के शीर्ष प्रतिनिधि, इस्राइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और फलस्तीनी राष्ट्रपति महमूद अब्बास भी शामिल हुए।
रैली में भावनाओं का ज्वार उमड़ पड़ा और अलग अलग क्षेत्रों के कई लोगों के आंखों में आंसू गए। ये सभी लोग 'अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता' के बैनर तले एक साथ आए।
फ्रांसीसी राष्ट्रपति ओलांद ने कहा, 'आज, पेरिस विश्व की राजधानी है। हमारा समूचा देश कुछ बेहतर के लिए उठ खड़ा होगा।'
इस दौरान लंदन, मैड्रिड और न्यूयॉर्क में भी रैलियां हुईं। काहिरा, सिडनी, स्टॉकहोम, टोक्यो और अन्य जगहों पर भी रैलियां आयोजित हुईं।
इससे पहले प्रधानमंत्री मैनुएल वाल्स ने शनिवार को कहा था, 'हम सभी शार्ली हैं, हम सभी पुलिस हैं, हम सभी फ्रांस के यहूदी हैं।'
फ्रांस में तीन दिन चला आतंकवाद का कहर बुधवार को तब शुरू था, जब दो भाइयों सईद और शेरिफ काउची ने व्यंग्य समाचार पत्र शार्ली एब्दो के दफ्तर पर हमला किया और 12 लोगों को मार डाला।
यमन की अलकायदा शाखा ने कहा कि नकाबपोश बंदूकधारियों द्वारा किए गए इस हमले का निर्देश उसने दिया था, ताकि पैगंबर मोहम्मद के सम्मान को ठेस पहुंचाने का बदला लिया जा सके।
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं