
- चीन की डालियान पॉलिटेक्निक यूनिवर्सिटी ने एक छात्रा को विदेशी पुरुष के साथ संबंध होने के आरोप में निष्कासित करने का नोटिस जारी किया है.
- यूनिवर्सिटी ने छात्रा के व्यवहार को समाज पर बुरा प्रभाव डालने वाला बताया और इसे राष्ट्रीय सम्मान को ठेस पहुंचाने से जोड़ा है.
- चीन के सरकारी अखबार ने यूनिवर्सिटी के फैसले पर सवाल उठाए, साथ ही पर्सनल इन्फॉर्मेशन प्रोटेक्शन लॉ का उल्लंघन बताया है.
चीन की एक यूनिवर्सिटी ने एक छात्रा को इसलिए निष्कासित कर दिया क्योंकि उसके विदेशी पुरुष के साथ संबंथ हैं. जब ये मामला सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, ज्यादातर लोग इस मामले पर सवाल खड़े कर रहे थे तब यूनिवर्सिटी ने सफाई देते हुए कहा कि, ये कार्यवाई 'राष्ट्रीय सम्मान को ठेस पहुंचाने' के आरोप में की गई है. इसके बाद सोशल मीडिया पर मामले को लेकर एक जंग सी छिड़ी हुई है.
पूरा मामला डालियान पॉलिटेक्निक यूनिवर्सिटी का
दरअसल मामला चीन के डालियान पॉलिटेक्निक यूनिवर्सिटी का है. यूनिवर्सिटी की तरफ से एक नोटिस जारी किया गया, जिसमें बताया गया था कि छात्रा को 60 दिनों में यूनिवर्सिटी से बाहर कर दिया जाएगा क्योंकि उसके गलत व्यवहार की वजह से समाज पर बुरा असर पड़ रहा था. यूनिवर्सिटी ने मामले के बारे में तो कुछ नहीं कहा पर छात्रा के नाम के बारे में बताया है, हालांकि हम प्राइवेसी के चलते नाम उजागर नहीं कर रहे हैं.
प्रोफेशनल गेमर डैनिलो टेसलेंको से जुड़ा कनेक्शन!
यूनिवर्सिटी की तरफ से तो कोई जानकारी नहीं दी गई, पर सोशल मीडिया पर यूक्रेन के प्रोफेशनल गेमर डैनिलो टेसलेंको के बारे में लोग बात कर रहे हैं, क्योंकि उन्होंने टेलीग्राम पर कुछ वीडियो डाले थे, जिसमें वो एक एशियाई लड़की के साथ नजर आ रहे हैं. लेकिन क्या वो यही छात्रा है, इसके बारे में कुछ कह नहीं सकते हैं.
टेसलेंको का बयान आया सामने
खबर वायरल होने के बाद टेसलेंको का बयान सामने आया. उन्होंने एक्स पर लिखा कि, 'मैंने कुछ वीडियो टेलीग्राम पर शंघाई की लड़की के साथ डाले थे. हालांकि ये मामला सामने आते ही मैंने वो वीडियो डिलीट कर दिए हैं.' टेसलेंको ने इस बात की भी जानकारी दी कि, 'वीडियो में कुछ आपत्तिजनक नहीं था. वीडियो में हमारे चेहरे दिखाई दे रहे थे. ना ही मैंने ऐसा कभी कहा है कि चीन की लड़कियों को पाना आसान होता है.'
सोशल मीडिया पर लोग कर रहे आलोचना
यूनिवर्सिटी के इस फैसले पर चीन के सोशल प्लेटफॉर्म्स शाओहोंगशु और डौयिन पर जंग छिड़ गई है. लोग लगातार यूनिवर्सिटी के इस फैसले को गलत बता रहे हैं. साथ ही इसे 'तालीबानी फैसला' बताया जा रहा है.
चीन के सरकारी अखबार ने उठाए सवाल
इस मामले पर शंघाई के सरकारी अखबार द पेपर ने भी सवाल खड़े किए हैं. अखबार ने सवाल उठाए हैं कि क्या चीनी पुरुष ऐसा करता तो क्या ये गर्व की बात होती? साथ ही अखबार ने कहा कि, 'छात्रा का नाम सभी के सामने लाना गलत है, ये चीन के पर्सनल इन्फॉर्मेशन प्रोटेक्शन लॉ को तोड़ता है. किसी भी निजी मामले को पब्लिक में नहीं लाना चाहिए.
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