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This Article is From Apr 20, 2011

'दलाई के साथ भारत आने वालों का रिकॉर्ड नहीं'

New Delhi: तिब्बत में 1959 की जनक्रांति के बाद अध्यात्मिक गुरु दलाई लामा के साथ वहां से पलायन कर भारत आने वाले तिब्बतियों की संख्या के बारे में केंद्र सरकार के पास सही आंकड़ा नहीं है। सूचना के अधिकार (आरटीआई) के तहत प्राप्त जानकारी में गृह मंत्रालय ने कहा कि अनुमानों के अनुसार उस अवधि में सीमा पार कर भारत आने वाले शरणार्थियों की संख्या करीब 80 हजार है। गृह मंत्रालय ने कहा, 1959 में दलाई लामा के साथ भारत आए तिब्बतियों की संख्या के बारे में मंत्रालय के पास को आंकड़ा नहीं है। लेकिन ऐसा अनुमान है कि उस अवधि में 80 हजार तिब्बती भारत आए। आरटीआई कार्यकर्ता सुभाष अग्रवाल ने देश में शरण लेने वाले तिब्बती शरणार्थियों की संख्या के बारे में प्रधानमंत्री कार्यालय से जानकारी मांगी थी। प्रधानमंत्री कार्यालय ने इस आवेदन को गृह मंत्रालय के पास भेज दिया था। मंत्रालय ने अपने जवाब में कहा कि अभी भारत में तिब्बती मूल के लोगों की संख्या एक लाख नौ हजार हो सकती है। अग्रवाल ने अपने आवेदन में चीनी सर्च इंजन पर अरूणाचल प्रदेश को चीन का हिस्सा बताए जाने का विषय भी उठाया। इस विषय पर विदेश मंत्रालय ने कहा कि उसे इसकी जानकारी है। विदेश मंत्रालय ने कहा, मंत्रालय को इस विषय की जानकारी है। चीन की ओर से अंतरराष्ट्रीय सीमा को विवादित बताया जाता है। सरकार ने इस विषय को चीनी पक्ष के समक्ष उठाया है और स्पष्ट किया है कि अरूणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न हिस्सा है।

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