पाकिस्तान के योजना, विकास एवं सुधार मंत्री असद उमर ने कहा है कि चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपीईसी) के दूसरे चरण के तहत औद्योगिक सहयोग देश के रोजगार क्षेत्र में एक स्थायी उछाल लाएगा. समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक, इस हफ्ते की शुरुआत में अपने मंत्रालय का प्रभार संभालने वाले उमर ने शनिवार को कराची में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि शुरू में देश भर में नौ विशेष आर्थिक जोन स्थापित किए जाएंगे, जिनका उद्घाटन उत्तर पश्चिमी खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में जल्द ही किया जाएगा.
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मंत्री ने कहा कि सीपीईसी का पहला चरण बुनियादी ढांचे में सुधार, बिजली संयंत्रों की स्थापना और दक्षिण-पश्चिम ग्वादर बंदरगाह के विकास और संचालन के साथ सफलतापूर्वक पूरा हो चुका है और अब दूसरा चरण सामाजिक क्षेत्र, कृषि विकास और औद्योगिक सहयोग में कोऑपरेशन ला रहा है.
मंत्री ने इस धारणा को खारिज कर दिया कि सीपीईसी ऋण बढ़ा रहा है और मीडियाकर्मियों को यह स्पष्ट कर दिया कि सीपीईसी ने औसत ब्याज दर 2.34 प्रतिशत पर पाकिस्तान में केवल 4.9 अरब डॉलर का ऋण लाया, जो कि तुलनात्मक रूप से बहुत कम है, जबकि शेष एक निवेश है.
मंत्री ने कहा, "सीपीईसी ने पाकिस्तानी अर्थव्यवस्था पर बोझ नहीं डाला बल्कि संकटों से बाहर आने में मदद की. सीपीईसी ने बुनियादी ढांचे में क्रांति लाई और पाकिस्तान को वित्तपोषण में मदद की." साथ ही कहा कि परियोजना सहायता नहीं बल्कि व्यापार है.
उमर ने कहा कि सीपीईसी एक समावेशी परियोजना है जैसा कि बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (बीआरआई) है. अगर हम इस क्षेत्र में सहयोग और शांति स्थापित करते हैं तो पाकिस्तान और पूरा क्षेत्र इन परियोजनाओं से लाभान्वित हो सकता है. उन्होंने कहा कि चीन प्रस्तावित बीआरआई पूरे क्षेत्र में समृद्धि और सतत विकास ला सकता है.
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