
कोविड -19 से बनी स्थति को देखते हुए फायनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स ने अपने सभी आकलनों को फिलहाल टाल दिया है. इससे पाकिस्तान को कम से कम चार महीने की राहत मिल गई है. जून में होने वाली बैठक में FATF पाकिस्तान की आतंकी फायनेंसिंग पर रोक थाम कर रही है या नहीं, ये निश्चित करता कि वो ग्रे लिस्ट में रहेगा या ब्लैक में या इस फेहरिस्त से हटेगा.
FATF की अपनी गतिविधियां रोकने का कारण ये है कि फिलहाल उससे जुड़ी एजेंसियां पाकिस्तान या दूसरे देशों में जाकर जमीनी हालात का पता नहीं लगा पा रहीं. पाकिस्तान जून 2018 से ग्रे लिस्ट में है.
आतंकी संगठन जैसे लश्कर ऐ तैयबा, जैश ए मोहम्मद, तालिबान, अल कायदा और हक्कानी नेटवर्क तक पहुंच रही फंडिंग को नहीं रोक पाने के कारण उसे इस लिस्ट में डाला गया था और फरवरी में हुई बैठक में उसे 27 पैमानों पर सही उतरना था ताकि वो ग्रे लिस्ट से बाहर आ सके. हालांकि FATF ने कहा है कि हवाला और आतंकी फंडिंग के खिलाफ उनकी लड़ाई जारी रहेगी.