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कोरोना में एयरलाइन ने नौकरी से निकाला, 500 करोड़ का लगा जुर्माना, कोर्ट से कंपनी को झटका

Qantas ने अगस्त 2020 में, जब देश में लॉकडाउन था तो उन्होंने अपने 1,800 ग्राउंड स्टाफ को नौकरी से निकालकर उनके काम को आउटसोर्स करने का निर्णय लिया था. इसी मामले में कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए एयरलाइन पर भारी जुर्माना लगाया है.

कोरोना में एयरलाइन ने नौकरी से निकाला, 500 करोड़ का लगा जुर्माना, कोर्ट से कंपनी को झटका
  • Qantas एयरलाइन पर कोरोना में 1800 ग्राउंड स्टाफ की अवैध छंटनी पर लगा भारी जुर्माना
  • ऑस्ट्रेलियाई कोर्ट ने जुर्माना दो हिस्सों में बांटकर यूनियन और कर्मचारियों को राहत दी है
  • Qantas ने 2020 में लॉकडाउन के दौरान अपने कर्मचारियों को नौकरी से निकाला था.
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सिडनी:

कोरोना महामारी में लाखों लोगों ने अपनी नौकरियां गंवाईं, लेकिन अब एक बड़ी एयरलाइन को इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ी है. ऑस्ट्रेलिया की मशहूर एयरलाइन Qantas को कोविड-19 के दौरान 1800 ग्राउंड स्टाफ की अवैध छंटनी के मामले में हर्जाना देने को कहा है. ऑस्ट्रेलियाई अदालत ने 90 मिलियन ऑस्ट्रेलियाई डॉलर (500 करोड़ रुपये से ज्यादा ) का जुर्माना लगाया है. यह फैसला उन तमाम कर्मचारियों के लिए खुशखबरी लेकर आया है, जिन्हें कंपनी ने एक झटके में नौकरी ने निकाल दिया. कोर्ट का ये फैसला एक संदेश भी है जो महामारी के दौरान बिना किसी गलती के अपनी नौकरी से हाथ धो बैठे. इससे उन लोगों को बड़ी उम्मीद मिली है, जिन्हें कोविड के दौरान नौकरी से हाथ धोना पड़ा था और अब वो भी हर्जाने की मांग कर सकते हैं.

कानून तोड़ने वालों को मिले सख्त सजा

फेडरल कोर्ट की तरफ से जज माइकल ली ने अपने फैसले में कहा कि यह जुर्माना सिर्फ एक सजा नहीं, बल्कि सही फैसला भी है, जिससे की भविष्य में कोई कंपनी इस तरह से श्रम कानूनों का उल्लंघन करने की हिमाकत न करे. यह फैसला यूनियनों और Qantas के बीच वर्षों से चल रहे कानूनी संघर्ष का अंत भी माना जा है. Qantas ने अगस्त 2020 में, जब देश में लॉकडाउन था तो उन्होंने अपने 1,800 ग्राउंड स्टाफ को नौकरी से निकालकर उनके काम को आउटसोर्स करने का निर्णय लिया था. हालांकि कंपनी ने इसे व्यावसायिक मजबूरी बताया था, लेकिन अदालत ने इसे अवैध करार दिया और एयरलाइन की अपील को भी खारिज कर दिया.

छवि सुधारने की कोशिश में Qantas

104 साल पुरानी Qantas एयरलाइन दुनियाभर में अपने बेहतरीन हवाई सफर के लिए जानी जाती है. जिसे लंबे समय से “Spirit of Australia” कहा जाता है, लेकिन पिछले कुछ सालों में अवैध छंटनी, बढ़ती टिकट कीमतें, खराब सेवा और पहले से रद्द की गई उड़ानों की सीटें बेचने जैसे आरोपों ने कंपनी की प्रतिष्ठा को गहरा नुकसान पहुंचाया है. साल 2023 में Vanessa Hudson ने Qantas की CEO के रूप में Alan Joyce की जगह ली. उन्होंने ग्राहक संतुष्टि को तरजीह देने का किया, लेकिन कंपनी की पुरानी नीतियों की आलोचना अभी भी जारी है.

यूनियन और कर्मचारियों को राहत

इस मामले में कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए जुर्माने को दो हिस्सों में बांटने का आदेश दिया है. जिसमें से 50 मिलियन ऑस्ट्रेलियाई डॉलर Transport Workers Union को दिए जाएंगे. वहीं 40 मिलियन ऑस्ट्रेलियाई डॉलर पूर्व कर्मचारियों को भविष्य में भुगतान के लिए सुरक्षित रखे जाएंगे. सिर्फ ऑस्ट्रेलिया में ही कोरोना के वक्त में लोगों की नौकरी नहीं गई बल्कि दुनिया के तमाम देशों संग  भारत में भी लोगों को बिना वजह बाहर निकाल दिया गया. लेकिन भारत जैसे देश में मजदूर कंपनियों के आगे एकदम बेबस नजर आते हैं.

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