विज्ञापन
This Article is From Apr 20, 2020

Coronavirus Pandemic: क्‍या कोरोना वायरस का वुहान के लैब से है संबंध? जानें इस लैब से जुड़ी खास बातें...

अमेरिका का दावा है कि यह लैब, कोरोना वायरस की महामारी का उद्गम स्थल हो सकता है. हालांकि चीनी वैज्ञानिकों ने कहा है कि यह वायरस संभवत: वुहान के वन्‍यजीवों के मार्केट के किसी प्राणी से लोगों में आया लेकिन इस लैब की मौजूदगी ने ऐसी चर्चाओं को भी हवा दी है कि वायरस के रोगाणु यहीं से फैलकर दुनियाभर में महामारी का कारण बने.

Coronavirus Pandemic: क्‍या कोरोना वायरस का वुहान के लैब से है संबंध? जानें इस लैब से जुड़ी खास बातें...
कोरोना वायरस की महामारी के बीच वुहान की लैब इस समय चर्चाओं के केंद्र में हैं
बीजिंग:

Coronavirus Pandemic: कोरोना वायरस की महामारी के बीच चीन के शहर वुहान (Wuhan)के पहाड़ी इलाके में स्थित एक चीनी जैव सुरक्षा प्रयोगशाला (High-Security Biosafety Laboratory) इस समय चर्चाओं के केंद्र में है. अमेरिका का दावा है कि यह लैब, कोरोना वायरस की महामारी का उद्गम स्थल हो सकता है. हालांकि चीनी वैज्ञानिकों ने कहा है कि यह वायरस संभवत: वुहान के वन्‍यजीवों के मार्केट के किसी प्राणी से लोगों में आया लेकिन इस लैब की मौजूदगी ने ऐसी चर्चाओं को भी हवा दी है कि वायरस के रोगाणु यहीं से फैलकर दुनियाभर में महामारी का कारण बने.

संयुक्त राष्‍ट्र अमेरिका (USA) अपने आरोपों को लेकर चीन पर खासा हमलावर है. अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने कहा कि हमारे अधिकारी इस बात की पूरी तरह जांच में जुटे हैं कि दुनियाभर में यह वायरस कैसे फैला? आइए जानते है वुहान इंस्‍टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (WIV)के बारे में खास बातें..

कैसी है यह लैब
यह संस्थान चीन ही नहीं, एशिया का सबसे बड़ा वायरस कल्‍चर कलेक्‍शन बैंक है. इसकी वेबसाइट के अनुसार, इस लैब में 1,500 से अधिक strains रखे गए हैं. सभी आधुनिक सुविधाओं से युक्‍त इस लैब परिसर में इबोला सहित ऐसे खतरनाक वायरस हैं जिनसे व्‍यक्ति से व्‍यक्ति तक खतरनाक वायरस के संक्रमण का खतरा होता है. 300 मिलियन-युआन (लगभग 42 मिलियन यूएस डालर) की लागत से बनी इस लैब का कार्य 2015 में पूरा हुआ और  आखिरकार 2018 में इसे खोला गया था. संस्थान में एक P3 लैबोरेट्री भी है जो 2012 से परिचालन में है. करीब 32 हजार वर्गफीट क्षेत्र में फैली पी-4 लैब वुहान के दूरदराज के बाहरी इलाके में स्थित है. एएफपी ने हाल ही में इस लैब के क्षेत्र का दौरा करने पर पाया कि यहां पर इस समय किसी तरह की गतिविधियां नहीं चल रही हैं. लैब परिसर के बाहर एक पोस्‍ट लगा है जिसमें लिखा है, "मजबूत रोकथाम और नियंत्रण, घबराएं नहीं, आधिकारिक घोषणाएं सुनें, विज्ञान (Science) में विश्वास करें, अफवाह न फैलाएं." 


क्‍या इस लैब से कोरोना वायरस फैला? 
अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने शुक्रवार को कहा कि चीनी अधिकारियों ने खुद इस बात की जांच शुरू की थी कि क्‍या यह वायरस से आया? उन्‍होंने कहा कि "हम जानते हैं कि उन्होंने (चीन ने)दुनिया के वैज्ञानिकों को उस लैब में जाने की अनुमति नहीं दी है कि वहां क्या होता है और वहां क्या हो रहा है." इससे पहले वाशिंगटन पोस्ट और फॉक्स न्यूज, दोनों ने उन अज्ञात स्रोतों का हवाले से चिंता जताई थी कि वायरस दुर्घटनावश इस लैब से आ सकता है. द वाशिंगटन पोस्ट ने खुलासा किया था कि WIV के अपर्याप्त सुरक्षा मानकों को लेकर अमेरिकी अधिकारी विशेष रूप से चिंतित थे।

वायरस को लेकर क्‍या है वैज्ञानिकों की राय
वैज्ञानिकों का मानना ​​है कि चमगादड़ में पैदा होने वाला यह विषाणु संभवतः लुप्तप्राय पैंगोलिन के जरिये इंसानों में पहुंचा. पारंपरिक चिकित्सा के लिए पेंगोलिन की चीन में अवैध रूप से तस्करी की जाती है. द लैसेंट में जनवरी में चीनी वैज्ञानिकों के एक समूह के अध्‍ययन के अनुसार, पहले COVID-19 रोगी का वुहान के 'कुख्यात' एनिमल मार्केट से कोई संबंध नहीं था और न ही पहले 41 पुष्ट मामलों में से 13 का इसका पता चला था.

(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com