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This Article is From Apr 12, 2022

पाकिस्तान के नए PM शहबाज़ शरीफ़ ने क्या अपनी शपथ में किया बदलाव? मामले ने पकड़ा तूल

कनेक्टिकट विश्वविद्यालय के प्रोफेसर मारवी सिरमद ने ट्विटर पर कहा कि यह देखना अपमानजनक है कि कैसे प्रधानमंत्री के पद की शपथ को बदल दिया गया है. शपथ संविधान का हिस्सा है और इसे कैसे बदला जा सकता है?

पाकिस्तान के नए PM शहबाज़ शरीफ़ ने क्या अपनी शपथ में किया बदलाव? मामले ने पकड़ा तूल
शपथ में बदलाव की वजह से उपजा विवाद
इस्लामाबाद:

पाकिस्तान के पीएम चुने गए शहबाज शरीफ की शपथ में बदलाव की वजह से विवाद खड़ा होता दिख रहा है. कनेक्टिकट विश्वविद्यालय के प्रोफेसर मारवी सिरमद ने ट्विटर पर कहा कि यह देखना अपमानजनक है कि कैसे प्रधानमंत्री पद की शपथ को बदल दिया गया है. जबकि पीएम की शपथ संविधान का हिस्सा है और इसे कैसे बदला जा सकता है? मारवी सिरमद  ने कहा कि "यह देखना अपमानजनक है कि कैसे पीएम कार्यालय की शपथ को बदल दिया गया है.

एक अन्य ट्विटर यूजर मोआविज तैमूर ने सिरमद की टिप्पणी से सहमति जताई. उन्होंने ट्वीट किया, "हां, अच्छी तरह से नोट किया गया है. जो कि कुछ इस तरह है कि 'खतेम उल कुतब' - 'खतेम-उन-नबीन यानी जिन के बाद कोई नबी नहीं आ सकता' (यदि अरबी में खातेम ए नबीन का अर्थ अंतिम पैगंबर है तो क्यों जोड़ा गया "जिन के बाद कोई नबी नहीं आ सकता."

दरअसल शपथ ग्रहण से कुछ घंटे पहले राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने ''तबीयत खराब'' होने की शिकायत की. राष्ट्रपति के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से जारी बयान में कहा गया, ''राष्ट्रपति डॉ आरिफ अल्वी ने बेचैनी महसूस होने की शिकायत की है. जिसके बाद डॉक्टर्स ने उनकी जांच की और उन्हें कुछ दिन आराम करने की सलाह दी है. ''

पाकिस्तान की संसद ने सोमवार को शहबाज शरीफ को निर्विरोध देश का 23वां प्रधानमंत्री चुन लिया. राष्ट्रपति आरिफ अल्वी के बीमार होने के बाद निर्वाचित प्रधान मंत्री शहबाज शरीफ को सीनेट के अध्यक्ष सादिक संजरानी ने शपथ दिलाई. नवनिर्वाचित पाकिस्तान सरकार ने सोमवार को कहा कि उनकी सरकार भारत के साथ अच्छे संबंध चाहती है, लेकिन साथ ही कहा कि तथाकथित "कश्मीर मुद्दे" के समाधान के बिना शांति संभव नहीं होगी.

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पाकिस्तान के नए नवेले पीएम शरीफ ने कहा, "पड़ोसी पसंद का मामला नहीं है, यह ऐसी चीज है जिसके साथ हमें रहना है. लेकिन दुर्भाग्य से, भारत के साथ हमारे संबंध पहले नहीं सुधर सके." उन्होंने कहा, हम भारत के साथ अच्छे संबंध चाहते हैं, लेकिन कश्मीर मुद्दे के समाधान के बिना शांति पर चर्चा नहीं हो सकती.


 

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