हेनरी किसिंजर, जिनका नाम ही अमेरिकी डिप्लोमेसी का पर्याय है, शनिवार को 100 साल के हो गए. उन्हें अमेरिकी अभिजात वर्ग का सम्मान मिला लेकिन अन्य लोगों का कहना है कि इस क्रूर शीत योद्धा को कभी भी जवाबदेही का सामना नहीं करना पड़ा.
साम्यवादी चीन के लिए दरवाजा खोलने, वियतनाम युद्ध को लेकर साजिश रचने और सोवियत विरोधी तानाशाहों का समर्थन करने तक में किसिंजर ने अपने प्रभाव का इस्तेमाल किया. उन्होंने दो शीर्ष राजनयिक और राष्ट्रपति रिचर्ड निक्सन और गेराल्ड फोर्ड के सुरक्षा सलाहकार के रूप में सेवा की.
अपने मोटे चश्मे और एक तेजतर्रार व्यक्तित्व के रूप में पहचाने जाने वाले किसिंजर पहले एक एकेडमीशियन थे. उनकी बौद्धिक देन को उनके कुछ कटु आलोचक भी स्वीकार करते हैं.
सन 1977 में सेवाएं समाप्त होने के बाद से किसिंजर मुख्य धारा की राजनीति से काफी हद तक बाहर हो गए, क्योंकि उनके उत्तराधिकारियों ने नैतिकता की बात पर जोर दिया था. हालांकि किसिंजर ने काफी ख्याति प्राप्त की है.
अपने शताब्दी वर्ष से पहले किसिंजर ने न्यूयॉर्क के इकोनॉमिक क्लब में एक उत्सव में लंच के दौरान एक केक काटा था और मोमबत्तियां बुझाई थीं. यह वही शहर है जहां वे अपने यहूदी परिवार के नाजी जर्मनी से भाग जाने के बाद बड़े हुए.
यह जाहिर करते हुए कि उनकी दुनिया को लेकर दृष्टि सदी बदलने के साथ नहीं बदली है, किसिंजर ने अमेरिका को "महत्वपूर्ण हितों" की सीमा के भीतर रहने के लिए आगाह किया था. उन्होंने कहा था कि, "हमें किसी भी दबाव का विरोध करने के लिए हमेशा मजबूत रहने की जरूरत है."
अधिकांश अमेरिकी नीति निर्माताओं के विचारों को खारिज करते हुए किसिंजर ने यूक्रेन में संघर्ष विराम पर रूस के साथ कूटनीति का आह्वान किया था. उन्होंने तर्क दिया था कि मास्को को पहले ही रणनीतिक हार का सामना करना पड़ा है.
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