कोलंबिया (Colombia) में अदालत के एक अभूतपूर्व फैसले के बाद विक्टर एस्कोबार (Victor Escobar) ने मरने और सार्वजनिक रूप से ऐसा करने का फैसला किया. इसके बाद एस्कोबार लाइलाज बीमारी से पीड़ित हुए बिना अपना अपना जीवन समाप्त करने वाले पहले लैटिन अमेरिकियों (Latin America) में से एक बन गए हैं. शुक्रवार को मरने से कुछ घंटे पहले 60 साल के एस्कोबार ने फेफड़ों की बीमारी के साथ अपनी दो साल की लड़ाई में जीत का जश्न मनाया.
धार्मिक रूप से कैथोलिक एस्कोबार ने न्यूज से जुड़े संस्थानों को भेजे एक वीडियो में कहा, "धीरे-धीरे, हर किसी की बारी आती है. इसलिए मैं अलविदा नहीं कहता, बल्कि जल्द ही मिलते हैं." उनके वकील ने ट्विटर पर कहा कि कैली शहर में डॉक्टरों की मौजूदगी में उनका निधन हो गया.
उनके अंतिम जीवित फुटेज में वह मुस्कुराते और परिवार से घिरे दिखाई दे रहे हैं. उन्हें बेहोश किया गया और फिर उसे घातक इंजेक्शन दिया गया. कोलंबिया में 1997 से किसी अन्य व्यक्ति की मदद से आत्महत्या दंडनीय नहीं है. वहीं जुलाई 2021 में एक हाई कोर्ट ने "सम्मानजनक मृत्यु के अधिकार" का विस्तार उन लोगों के लिए किया जो लाइलाज बीमारी से पीड़ित नहीं थे.
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कोलंबिया यह कदम उठाने वाला पहला लैटिन अमेरिकी देश है और दुनिया के कुछ देशों में से एक है. जहां पर ज्यादातर रोमन कैथोलिक होने के बावजूद ऐसा किया गया. चर्च स्पष्ट रूप से इच्छामृत्यु और आत्महत्या में सहायता का विरोध करता है.
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एस्कोबार ने अक्टूबर में एएफपी को अपनी कानूनी लड़ाई के आखिर में बताया, "मैं पहले से ही बीमार महसूस कर रहा था. मुझे लगा जैसे मेरे फेफड़ों ने मेरी बात नहीं मानी." मधुमेह और हृदय संबंधी बीमारी ने उन्हें व्हील चेयर पर ला छोड़ा था और वह ऐंठन से पीड़ित हो गए थे, जिससे उनका शरीर टूट गया था.
उनके परिवार ने भी इच्छामृत्यु के विचार का समर्थन किया था. यूरोप में केवल बेल्जियम, नीदरलैंड, लक्जमबर्ग और स्पेन ने इच्छामृत्यु को वैध बनाया है.
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