![चीन की चाल! हिंद महासागर में 'समुद्री डाकुओं' से लड़ने गया चीनी युद्धपोत मलेशिया में आया नजर चीन की चाल! हिंद महासागर में 'समुद्री डाकुओं' से लड़ने गया चीनी युद्धपोत मलेशिया में आया नजर](https://i.ndtvimg.com/i/2017-01/china-song-class-submarine-image-1_650x400_81483798701.jpg?downsize=773:435)
हिंद महासागर में तय सीमा से अधिक दिनों तक तैनात रहा चीन का युद्धपोत मलेशिया में नजर आया है...
नई दिल्ली:
एक बार फिर से बीजिंग ने अपनी समुद्री ताकत का प्रदर्शन करने का प्रयास किया है. हिंद महासागर में तय सीमा से अधिक दिनों तक तैनात रहा चीन का युद्धपोत मलेशिया के कोटा किनाबालु में नजर आया है.
इससे पहले कल एनडीटीवी ने अपनी रिपोर्ट में बताया था कि पिछले साल मई माह में चीन की परमाणुशक्ति-चालित एक लड़ाकू पनडुब्बी कराची के बंदरगाह पर मौजूद थी, यह गूगल अर्थ की एक तस्वीर में दिखाई दे रहा है. इससे साबित होता है कि चीन संभवतः अब भारतीय युद्धक पोतों की गतिविधियों पर पहले की तुलना में ज़्यादा बारीकी से और करीबी नज़र रख रहा है. चीनी युद्धपोत गत मंगलवार से कोटा किनाबालु में तैनात है और आज उसकी रवानगी होनी है.
रॉयल मलेशियाई नेवी के आधिकारिक ट्विटर पेज पर कुछ तस्वीरें हैं जिन्हें देखने पर लगता है कि चीन का बड़ा युद्धपोत 039 'सॉन्ग' कोटा किनाबालु में है. वॉल स्ट्रीट जनरल द्वारा कल रात जारी किए गए एक वक्तव्य के मुताबिक, चीनी रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि इस युद्धपोत को मलेशिया में आपूर्ति और क्रू के सदस्यों को आराम देने के इरादे से तैनात किया गया है. साथ ही यह भी जोड़ा कि सोमालिया के 'समुद्री डाकुओं' से निपटना बीजिंग की प्राथमिकता है.
![china song class submarine support ship](https://i.ndtvimg.com/i/2017-01/china-song-class-submarine-support-ship_650x400_61483798776.jpg)
हालांकि भारतीय नेवी ने चीन के इस दावे को बिल्कुल खारिज कर दिया है. भारत का कहना है कि सोमालिया के समुद्री डाकुओं से निपटने के लिए उन्नत किस्म के सैन्य युद्धपोत को तैनात नहीं किया जा सकता.
फिलहाल भारत केवल एकल परमाणुशक्ति-चालित युद्धपोत ऑपरेट करता है, जिसे आईएनएस चक्र के नाम से जाना जाता है. भारत ने हाल में देश में बनी पहली न्यूक्लियर आर्म्ड सबमरीन आईएनएस अरिहंत को बंगाल की खाड़ी में ट्रायल करने के बाद नेवी के बेड़े में शामिल किया था. इसके अलावा भारत 13 रूसी और जर्मन डिजाइन के डीजल-इलेक्ट्रिक युद्धपोतों को भी ऑपरेट करता है. इसी बीच चीन अपनी समुद्री ताकत में तेजी से इजाफा कर रहा है. चीन के पास 12-15 परमाणुशक्ति-चालित युद्धपोत हैं जो उन्नत किस्म के हैं.
इससे पहले कल एनडीटीवी ने अपनी रिपोर्ट में बताया था कि पिछले साल मई माह में चीन की परमाणुशक्ति-चालित एक लड़ाकू पनडुब्बी कराची के बंदरगाह पर मौजूद थी, यह गूगल अर्थ की एक तस्वीर में दिखाई दे रहा है. इससे साबित होता है कि चीन संभवतः अब भारतीय युद्धक पोतों की गतिविधियों पर पहले की तुलना में ज़्यादा बारीकी से और करीबी नज़र रख रहा है. चीनी युद्धपोत गत मंगलवार से कोटा किनाबालु में तैनात है और आज उसकी रवानगी होनी है.
![china song class submarine image 2](https://i.ndtvimg.com/i/2017-01/china-song-class-submarine-image-2_650x400_51483798730.jpg)
रॉयल मलेशियाई नेवी के आधिकारिक ट्विटर पेज पर कुछ तस्वीरें हैं जिन्हें देखने पर लगता है कि चीन का बड़ा युद्धपोत 039 'सॉन्ग' कोटा किनाबालु में है. वॉल स्ट्रीट जनरल द्वारा कल रात जारी किए गए एक वक्तव्य के मुताबिक, चीनी रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि इस युद्धपोत को मलेशिया में आपूर्ति और क्रू के सदस्यों को आराम देने के इरादे से तैनात किया गया है. साथ ही यह भी जोड़ा कि सोमालिया के 'समुद्री डाकुओं' से निपटना बीजिंग की प्राथमिकता है.
![china song class submarine support ship](https://i.ndtvimg.com/i/2017-01/china-song-class-submarine-support-ship_650x400_61483798776.jpg)
हालांकि भारतीय नेवी ने चीन के इस दावे को बिल्कुल खारिज कर दिया है. भारत का कहना है कि सोमालिया के समुद्री डाकुओं से निपटने के लिए उन्नत किस्म के सैन्य युद्धपोत को तैनात नहीं किया जा सकता.
फिलहाल भारत केवल एकल परमाणुशक्ति-चालित युद्धपोत ऑपरेट करता है, जिसे आईएनएस चक्र के नाम से जाना जाता है. भारत ने हाल में देश में बनी पहली न्यूक्लियर आर्म्ड सबमरीन आईएनएस अरिहंत को बंगाल की खाड़ी में ट्रायल करने के बाद नेवी के बेड़े में शामिल किया था. इसके अलावा भारत 13 रूसी और जर्मन डिजाइन के डीजल-इलेक्ट्रिक युद्धपोतों को भी ऑपरेट करता है. इसी बीच चीन अपनी समुद्री ताकत में तेजी से इजाफा कर रहा है. चीन के पास 12-15 परमाणुशक्ति-चालित युद्धपोत हैं जो उन्नत किस्म के हैं.
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