यह फुटेज सबसे पहले सरकारी टीवी 'शंघाई टेलीविजन' ने दिखाया था (फाइल फोटो)
बीजिंग:
चीन के सरकारी टीवी चैनलों ने 'पुराने और स्थाई दोस्त' पाकिस्तान को बहुत ही दुर्लभ झटका देते हुए 2008 के मुंबई हमलों पर 'लश्कर-ए-तैयबा' नामक डॉक्यूमेंटरी प्रसारित की है और अजमल कसाब के कबूलनामे वाला फुटेज भी दिखाया है। गौरतलब है कि 26-11 हमले में अजमल कसाब जीवित पकड़ा गया इकलौता आतंकवादी था। उसे बाद में फांसी दे दी गई।
बीजिंग में अधिकारियों ने बताया कि राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की पिछले महीने चीन यात्रा से कुछ हफ्ते पहले यह फुटेज सबसे पहले सरकारी टीवी 'शंघाई टेलीविजन' ने दिखाया था। बाद में उसे सरकारी टीवी 'चाइनीज टेलीविजन' ने भी प्रसारित किया।
चीनी डॉक्यूमेंटरी से भारतीय अधिकारियों को काफी आश्चर्य
डॉक्यूमेंटरी में जिस तरह लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादियों को मुंबई हमलों की योजना बनाते और उसे क्रियान्वित करते दिखाया गया है, उससे यहां मौजूद भारतीय अधिकारियों को काफी आश्चर्य हुआ। दरअसल चीन अपने विश्वस्त मित्र पाकिस्तान के खिलाफ कोई भी नकारात्मक खबर दिखाते हुए बहुत सावधानी बरतता है। सरकारी मीडिया अकसर इन आरोपों से दूर ही रहता है कि पाकिस्तान के कबीले वाले इलाकों में मुसलमान बहुल शिंजिआन प्रांत के ईस्ट तुर्किस्तान इस्लामिक मूवमेंट आतंकवादियों के प्रशिक्षण शिविर चल रहे हैं।
लख्वी और जैश पर प्रतिबंध की कोशिश में अड़ंगा डालता रहा है चीन
कार्यक्रम का प्रसारण देखने वाले एक भारतीय राजनयिक ने कहा, 'हमें अब यह देखने का इंतजार है कि चीन के सरकारी टीवी पर लश्कर-ए-तैयबा पर डॉक्यूमेंटरी प्रसारित होने की महत्ता क्या है।' यह आश्चर्यजनक है, क्योंकि मुंबई हमले के सरगना लश्कर-ए-तैयबा के ऑपरेशन कमांडर जकी-उर-रहमान लख्वी को प्रतिबंधित करने के भारतीय प्रयास का संयुक्त राष्ट्र में चीन ने विरोध किया था।
लख्वी की जेल से रिहाई के बाद जब भारत ने उस पर प्रतिबंध लगाने की मांग की तो, चीन ने उसे तकनीकी कारण बताकर स्थगित करा दिया। पठानकोठ हमले से जुड़े आतंकवादी जैश-ए-मोहम्मद पर प्रतिबंध लगाने के भारतीय प्रयास को भी चीन ने रोक दिया था।
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
बीजिंग में अधिकारियों ने बताया कि राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की पिछले महीने चीन यात्रा से कुछ हफ्ते पहले यह फुटेज सबसे पहले सरकारी टीवी 'शंघाई टेलीविजन' ने दिखाया था। बाद में उसे सरकारी टीवी 'चाइनीज टेलीविजन' ने भी प्रसारित किया।
चीनी डॉक्यूमेंटरी से भारतीय अधिकारियों को काफी आश्चर्य
डॉक्यूमेंटरी में जिस तरह लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादियों को मुंबई हमलों की योजना बनाते और उसे क्रियान्वित करते दिखाया गया है, उससे यहां मौजूद भारतीय अधिकारियों को काफी आश्चर्य हुआ। दरअसल चीन अपने विश्वस्त मित्र पाकिस्तान के खिलाफ कोई भी नकारात्मक खबर दिखाते हुए बहुत सावधानी बरतता है। सरकारी मीडिया अकसर इन आरोपों से दूर ही रहता है कि पाकिस्तान के कबीले वाले इलाकों में मुसलमान बहुल शिंजिआन प्रांत के ईस्ट तुर्किस्तान इस्लामिक मूवमेंट आतंकवादियों के प्रशिक्षण शिविर चल रहे हैं।
लख्वी और जैश पर प्रतिबंध की कोशिश में अड़ंगा डालता रहा है चीन
कार्यक्रम का प्रसारण देखने वाले एक भारतीय राजनयिक ने कहा, 'हमें अब यह देखने का इंतजार है कि चीन के सरकारी टीवी पर लश्कर-ए-तैयबा पर डॉक्यूमेंटरी प्रसारित होने की महत्ता क्या है।' यह आश्चर्यजनक है, क्योंकि मुंबई हमले के सरगना लश्कर-ए-तैयबा के ऑपरेशन कमांडर जकी-उर-रहमान लख्वी को प्रतिबंधित करने के भारतीय प्रयास का संयुक्त राष्ट्र में चीन ने विरोध किया था।
लख्वी की जेल से रिहाई के बाद जब भारत ने उस पर प्रतिबंध लगाने की मांग की तो, चीन ने उसे तकनीकी कारण बताकर स्थगित करा दिया। पठानकोठ हमले से जुड़े आतंकवादी जैश-ए-मोहम्मद पर प्रतिबंध लगाने के भारतीय प्रयास को भी चीन ने रोक दिया था।
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
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