(फाइल फोटो)
                                                                                                                        
                                        
                                        
                                                                                वुहान(चीन): 
                                        चीन ने शनिवार को कहा कि यदि भारत को बीजिंग की अरबों डॉलर की बेल्ट एंड रोड परियोजना से जुड़ने में दिक्कत है तो इसके लिए नई दिल्ली पर दबाव नहीं डाला जाएगा. भारत चीन की इस महत्वाकांक्षी परियोजना का विरोध करता है, जिसका मुख्य हिस्सा चीन पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (सीपीईसी) विवादास्पद कश्मीर के उस हिस्से से गुजरता है, जिसपर इस्लामाबाद का कब्जा है और नई दिल्ली उसे अपना क्षेत्र बताता है. चीन के उप विदेश मंत्री कोंग सुआनयू ने कहा, 'मैं महसूस करता हूं कि इंटर-कनेक्टिविटी को समर्थन करने के मुद्दे पर चीन और भारत के बीच कोई बुनियादी मतभेद नहीं है.'
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कोंग ने कहा, 'भारतीय पक्ष इस सहयोग से बाहर नहीं है. यह अंतरसंपर्क पर आगे बढ़ना जारी भी रखे हुए है. भारत एशियाई अवसंरचना निवेश बैंक (एआईआईबी) का एक संस्थापक सदस्य भी है. हमारे क्षेत्र का यह दूसरा सबसे बड़ा शेयरधारक है.' उन्होंने कहा, 'जहां तक बेल्ट एंड रोड को भारत द्वारा स्वीकार करने या न करने का सवाल है, मैं समझता हूं कि यह महत्वपूर्ण नहीं है और चीन इसके लिए अधिक दबाव नहीं बनाएगा.' सप्ताह के प्रारंभ में संपन्न हुए आठ सदस्यों वाले शंघाई सहयोग शिखर सम्मेलन के विदेश मंत्रियों की बैठक में सिर्फ भारत ने बेल्ट एंड रोड परियोजना का समर्थन नहीं किया था. मई 2017 में भारत ने चीन के बेल्ट एंड रोड सम्मेलन में हिस्सा नहीं लिया था. चीन इस परियोजना को आर्थिक बताता है और कहता है कि इससे भारत और पाकिस्तान के बीच लंबित कश्मीर मामले पर उसकी तटस्थता को प्रभावित नहीं करती.
VIDEO : सकारात्मक रही भारत-चीन वार्ता, कई मुद्दों पर हुई बात
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
                                                                        
                                    
                                यह भी पढ़ें : पीएम मोदी और शी अपनी-अपनी सेनाओं को रणनीतिक दिशानिर्देश देने पर हुए सहमत
कोंग ने कहा, 'भारतीय पक्ष इस सहयोग से बाहर नहीं है. यह अंतरसंपर्क पर आगे बढ़ना जारी भी रखे हुए है. भारत एशियाई अवसंरचना निवेश बैंक (एआईआईबी) का एक संस्थापक सदस्य भी है. हमारे क्षेत्र का यह दूसरा सबसे बड़ा शेयरधारक है.' उन्होंने कहा, 'जहां तक बेल्ट एंड रोड को भारत द्वारा स्वीकार करने या न करने का सवाल है, मैं समझता हूं कि यह महत्वपूर्ण नहीं है और चीन इसके लिए अधिक दबाव नहीं बनाएगा.' सप्ताह के प्रारंभ में संपन्न हुए आठ सदस्यों वाले शंघाई सहयोग शिखर सम्मेलन के विदेश मंत्रियों की बैठक में सिर्फ भारत ने बेल्ट एंड रोड परियोजना का समर्थन नहीं किया था. मई 2017 में भारत ने चीन के बेल्ट एंड रोड सम्मेलन में हिस्सा नहीं लिया था. चीन इस परियोजना को आर्थिक बताता है और कहता है कि इससे भारत और पाकिस्तान के बीच लंबित कश्मीर मामले पर उसकी तटस्थता को प्रभावित नहीं करती.
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