चीन ने कहा है कि वह ताइवान में हथियारों की बिक्री में शामिल बोइंग डिफेंस की एक डिवीजन लाकहीड मार्टिन और अन्य अमेरिकी कंपनियों पर प्रतिबंध लगाएगा. गौरतलब है कि ताइवान को बीजिंग अपना क्षेत्र मानता है. रेथियान सहित अमेरिका की ये कंपनियां हाल ही ताइवान को दो अरब डॉलर की मिसाइल की बिक्री की डील में शामिल थीं. चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ ली जिआन ने अमेरिका से आइलैंड को हथियारों की बिक्री रोकने को कहा है.
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गौरतलब है कि टेक्नोलॉजी, सुरक्षा और व्यापार के लिहाज से ताइवान की क्षमता चीन और अमेरिका के बीच संघर्ष का कारण बन सकती है. बीजिंग दावा करता है कि ताइवान, चीन का हिस्सा है जिसे जरूरत पड़ने पर से बल प्रयोग द्वारा वह पुन: हासिल कर सकता है. झाओ ने कहा कि प्रतिबंध राष्ट्रीय हितों को सुरक्षित रखने के लिए हैं और यह उन सभी पर लागू होंगे जिन्होंने ताइवान को हथियार बचने की प्रक्रिया में गलत तरीके से व्यवहार किया.
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उन्होंने कहा कि हम राष्ट्रीय संप्रभुता और सुरक्षा के लिए जरूरी कदम उठाते रहेंगे. हालांकि उन्होंने उन्होंने यह विवरण नहीं दिया कि क्या पाबंदियां लगाई जा सकती हैं और कब. उन्होंने नियमित संवाददाता सम्मेलन में कहा, “राष्ट्रीय हितों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिये चीन ने अमेरिका की उन कंपनियों पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया है, जो ताइवान को हथियारों की आपूर्ति में शामिल थीं. ”अमेरिका के विदेश मंत्रालय ने पिछले सप्ताह ही कहा था कि उसने ताइवान को 135 एयर-टू-ग्राउंड मिसाइलों की बिक्री को मंजूरी दील दी. अमेरिका के इस कदम का ताइवान ने स्वागत किया था.इसके अलावा छह MS-110 Air reconnaissance pods और 11 M142 मोबाइल लाइट रॉकेट लांचरों की बिक्री को भी मंजूरी दी गई थी. इन तीनों आर्म पैकेज की कीमत करीब 1.8 अरब यूएस डॉलर है.
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