विज्ञापन
Story ProgressBack
This Article is From Dec 04, 2021

"तीसरे पक्ष की सुरक्षा संबंधी चिंताएं" : चीन ने श्रीलंका में परियोजना पर लगाई रोक

भारत का नाम लिए बिना चीनी दूतावास ने बुधवार को एक ट्वीट में पुष्टि की कि श्रीलंका में उत्तरी द्वीपों में सौर ऊर्जा प्रणाली परियोजना को तीसरे पक्ष द्वारा व्यक्त की गई सुरक्षा चिंताओं के कारण निलंबित कर दिया गया है.

Read Time: 3 mins
"तीसरे पक्ष की सुरक्षा संबंधी चिंताएं" : चीन ने श्रीलंका में परियोजना पर लगाई रोक
बीजिंग ने मालदीव में सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने के लिए एक कॉन्ट्रैक्ट पर हस्ताक्षर किए हैं.
कोलंबो:

चीन ने श्रीलंका के तीन द्वीपों में हाइब्रिड ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने की एक परियोजना पर भारत के विरोध की खबरों के बीच तीसरे पक्ष की सुरक्षा संबंधी चिंता का हवाला देते हुए रोक लगा दी है. newsfirst.lk समाचार वेबसाइट की एक रिपोर्ट के अनुसार जनवरी में चीनी फर्म सिनो सोअर हाइब्रिड टेक्नोलॉजी को जाफना के तट से दूर डेल्फ़्ट, नागादीपा और अनलथिवु द्वीपों पर एक हाइब्रिड नवीकरणीय ऊर्जा प्रणाली स्थापित करने का कॉन्ट्रैक्ट दिया गया था. तीन टापू तमिलनाडु के करीब स्थित हैं.

भारत का नाम लिए बिना चीनी दूतावास ने बुधवार को एक ट्वीट में पुष्टि की कि श्रीलंका में उत्तरी द्वीपों में सौर ऊर्जा प्रणाली परियोजना को तीसरे पक्ष द्वारा व्यक्त की गई सुरक्षा चिंताओं के कारण निलंबित कर दिया गया है. चीनी दूतावास ने कहा कि इसके बजाय, बीजिंग ने मालदीव में 12 द्वीपों पर सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने के लिए 29 नवंबर को एक कॉन्ट्रैक्ट पर हस्ताक्षर किए हैं.

मोदी सरकार के आने के बाद चीन के साथ संबंध गड़बड़ाए : NDTV से बातचीत में मनीष तिवारी

Newsfirst.lk की रिपोर्ट के अनुसार 2021 की शुरुआत में भारत ने डेल्फ़्ट, नागदीपा और अनलथिवु में श्रीलंका से चीनी कंपनी को सोलर पावर प्‍लांट बनाए जाने का ठेका दिए जाने को लेकर आपत्ति दर्ज कराई थी. यह अनुबंध सहायक विद्युत आपूर्ति विश्वसनीयता सुधार परियोजना का हिस्सा था, जिसे सीलोन विद्युत बोर्ड (सीईबी) द्वारा कार्यान्वित किया जाता और इसे एशियाई विकास बैंक (एडीबी) द्वारा वित्त पोषित किया जाता.

पिछले महीने श्रीलंका सरकार ने कोलंबो पोर्ट पर ईस्‍टर्न कंटेनर टर्मिलन के निर्माण का ठेका चीन की कंपनी को दिया है, जबकि यह ठेका पहले भारत और जापान को दिया जाना था और श्रीलंका इसके लिए प्रतिबद्ध भी था.

संबंधों की स्थिति सीमा की स्थिति को दर्शाएगी: चीन के साथ रिश्तों पर विदेश मंत्री

बीजिंग के विवादास्पद बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (बीआरआई) के तहत श्रीलंका में विभिन्न बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में चीन सबसे बड़े निवेशकों में से एक है. लेकिन इसकी स्थानीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जमकर आलोचना हुई. उधर, इस बात को लेकर चिंता बढ़ रही है कि चीन ने श्रीलंका को कर्ज के जाल में फंसाया है.

श्रीलंका ने 1.2 अरब डॉलर कर्ज के कारण रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण हम्बनटोटा बंदरगाह को 99 वर्षों के लिए एक चीनी कंपनी को 2017 में पट्टे पर दे दिया था.

अरुणाचल प्रदेश में चीन ने बनाया दूसरा एन्क्लेव, नई सैटेलाइट तस्वीरों से खुलासा

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
डार्क मोड/लाइट मोड पर जाएं
Our Offerings: NDTV
  • मध्य प्रदेश
  • राजस्थान
  • इंडिया
  • मराठी
  • 24X7
Choose Your Destination
Previous Article
7.2 तीव्रता का भूकंप आखिर कैसे झेल गया पेरू, कैसे किसी इमारत में नहीं आई कोई दरार ? जानें इसके बारे में सबकुछ
"तीसरे पक्ष की सुरक्षा संबंधी चिंताएं" : चीन ने श्रीलंका में परियोजना पर लगाई रोक
मोसाद! रईसी के क्रैश हेलिकॉप्टर की इस तस्वीर को इतने गौर से क्यों देख रहे एक्सपर्ट?
Next Article
मोसाद! रईसी के क्रैश हेलिकॉप्टर की इस तस्वीर को इतने गौर से क्यों देख रहे एक्सपर्ट?
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com
;