कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री मनीष तिवारी ने कहा है कि 26/11 के मुंबई हमले के बाद भारत को एक्शन लेना चाहिए था. इससे पाकिस्तान को सबक मिलता . तिवारी ने अपनी पुस्तक "10 Flash Points; 20 Years - National Security Situations that Impacted India" और विभिन्न मुद्दों पर शुक्रवार को NDTV से बात की. इस दौरान उन्होंने कहा, 'भारत ने अतिक्रमण झेला था. मैंने पुस्तक में आतंकी हमलों का उल्लेख किया है.'उन्होंने कहा, ' 26/11 के बाद एक्शन लेना चाहिए था क्योंकि इससे पाकिस्तान को सबक मिलता. पाकिस्तान इसे हमारी कमजोरी समझता है. ऑपरेशन पराक्रम में भारत पर अंतरराष्ट्रीय दबाव बना था. मनमोहन सरकार पर टोकाटाकी नहीं की. आतंकवादियों के खिलाफ रणनीति कैसे बने, यही मेरा उद्देश्य है.'
कांग्रेस में फूटा 'किताब बम' : 26/11 को लेकर मनीष तिवारी ने मनमोहन सरकार पर साधा निशाना
उन्होंने कहा कि उरी हमले के बाद कार्रवाई होती तो पुलवामा हमले से बचा जा सकता था. पाकिस्तान का जिक्र करते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इस मुल्क में आज भी कोई तब्दीली नहीं आई. भारत, साउथ एशिया में फंसा हुआ है. चीन के साथ स्थिर संबंध थे लेकिन मोदी सरकार के आने के बाद यह स्थिति गड़बड़ा गई है. 2014 से 2021 के बीच स्थिति और खराब हुई है, सरकार के विशेषज्ञों को इस बारे में चिंतन करना चाहिए. चीन के साथ परिस्थितियां अनुकूल नहीं हैं .
चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) बनाने का फैसला कैसा था, इस सवाल पर उन्होंने कहा कि ये बाद में पता चलेगा. अपनी किताब के बारे में कहा,' यह सुरक्षा चुनौतियों पर है. भारत के पास क्या विकल्प थे, विकल्पों को लेकर अगली किताब लिखूंगा.'
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