काठमांडो:
नेपाल के रास्ते तिब्बत स्थित कैलाश मानसरोवर जाने की योजना बना रहे करीब 25,000 विदेशी पर्यटकों को अपनी योजनाओं में खासा बदलाव करना पड़ रहा है, क्योंकि हिमालयी राष्ट्र में भीषण भूकंप के बाद चीन ने तिब्बत से लगती सभी सीमाओं को बंद कर दिया है। मानसरोवर यात्रा के लिए जाने वालों में ज्यादातर भारतीय हैं।
नेपाल के पर्यटन मंत्रालय ने विदेश मंत्री से कहा है कि वह चीनी अधिकारियों के समक्ष इस मुद्दे को उठाएं। मंत्रालय ने कहा है कि नेपाल के रास्ते 25,000 विदेशी पर्यटकों के कैलाश मानसरोवर जाने से देश को लाभ होगा। वह भी ऐसे मुश्किल वक्त में जब नेपाल के पर्यटन उद्योग को 25 अप्रैल के भीषण भूकंप के कारण काफी क्षति पहुंची है।
भारतीय, रूसी, मलेशियाई और अन्य यूरोपीय देशों से आने वाले 25,000 पर्यटकों ने नेपाल की 38 पर्यटन कंपनियों के माध्यम से अपनी यात्रा की योजना बनाई है।
चीन ने भूस्खलन और यात्रा में संभावित दिक्कतों को देखते हुए तत्तापानी, रासुवा और अन्य स्थानों पर सीमा बंद कर दी है।
नेपाल के पर्यटन मंत्रालय ने विदेश मंत्री से कहा है कि वह चीनी अधिकारियों के समक्ष इस मुद्दे को उठाएं। मंत्रालय ने कहा है कि नेपाल के रास्ते 25,000 विदेशी पर्यटकों के कैलाश मानसरोवर जाने से देश को लाभ होगा। वह भी ऐसे मुश्किल वक्त में जब नेपाल के पर्यटन उद्योग को 25 अप्रैल के भीषण भूकंप के कारण काफी क्षति पहुंची है।
भारतीय, रूसी, मलेशियाई और अन्य यूरोपीय देशों से आने वाले 25,000 पर्यटकों ने नेपाल की 38 पर्यटन कंपनियों के माध्यम से अपनी यात्रा की योजना बनाई है।
चीन ने भूस्खलन और यात्रा में संभावित दिक्कतों को देखते हुए तत्तापानी, रासुवा और अन्य स्थानों पर सीमा बंद कर दी है।
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