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This Article is From Aug 10, 2011

चीन का पहला विमानवाहक पोत परीक्षण के लिए तैयार

बीजिंग: चीन का पहला विमानवाहक पोत बुधवार को समुद्री परीक्षण के लिए तैयार हो गया। परीक्षण चीन के उत्तरपूर्वी प्रांत लियाओनिंग स्थित शिपयार्ड से किया जाएगा। इस परीक्षण की सफलता के बाद चीन, अमेरिका, ब्रिटेन सहित विश्व के उन चुनिंदा देशों की श्रेणी में शामिल हो जाएगा जिनके पास विमानवाहक पोत बनाने की क्षमता है। अभी तक इस पोत का नाम नहीं रखा गया है। समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने रक्षा सूत्रों के हवाले से बताया कि यह परीक्षण कल-पुर्जो की दोबारा जांच कार्यक्रम के अनुसार चल रहा है और पोत के बंदरगाह में आने के बाद मरम्मत का कार्य शुरू हो जाएगा। इस पोत का निर्माण पूर्व सोवियत संघ द्वारा किया जा रहा था। लेकिन 1991 में संघ के विखंडन के कारण इसका निर्माण नहीं हो सका। बाद में युक्रेन ने इसे खरीद लिया। युक्रेन ने इसका इंजन और अन्य सैन्य साजोसमान निकाल कर इसे चीन को बेच दिया। यह पता नहीं चल पाया है कि इस पोत का परीक्षण कब तक चलेगा, लेकिन लियाओनिंग के अधिकारियों ने 10 अगस्त से 14 अगस्त तक डलियान तट पर नौवहन प्रतिंबधित कर दिया है। विमानवाहक पोत के परीक्षण की खबर से चीनी नागरिक काफी उत्साहित हैं। चीनी लोग इसे देखने के लिए तट पर उमड़ रहे हैं, हालांकि कोहरे की वजह से पोत दिखने में दिक्कत आ रही है। शिहुआ प्रांत से एक नागरिक ने कहा कि चीन के लिए विमानवाहक पोत रखना कोई बड़ी बात नहीं है। सैन्य मामलों में रुचि रखने वाले लु गंग का मानना है कि इस विमानवाहक पोत का सांकेतिक महत्व अन्य चीजों से और भी ज्यादा है। अवकाश प्राप्त नौसेनिक अधिकारी जू जियान ने कहा कि जब भारत और थाईलैण्ड जैसे देशों के पास विमानवाहक पोत हैं तो हमारे पास क्यों नहीं है?

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