चीन ने हाल ही में 'स्टैंडर्ड मैप ऑफ चाइना' का 2023 एडिशन जारी किया, जिसमें उसने अरुणाचल प्रदेश और अक्साई चीन को अपने हिस्से में दिखाया है. भारत ने इस पर कड़ी आपत्ति जताई है. विदेश मंत्री जयशंकर प्रसाद ने इसे चीन की पुरानी आदत बताते हुए कहा कि सिर्फ बेतुके दावे करने से अन्य लोगों के क्षेत्र आपके नहीं हो जाते. भारत के दो टूक जवाब के बाद चीन ने प्रतिक्रिया दी है. चीन ने इसे "कानून के अनुसार संप्रभुता का सामान्य अभ्यास" बताया है.
भारत में चीनी दूतावास के प्रवक्ता वांग ज़ियाओजियान ने बुधवार को विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन की एक ब्रीफिंग की डिटेल शेयर की है. उन्होंने कहा, "हमें उम्मीद है कि संबंधित पक्ष उद्देश्यपूर्ण और शांत रहेंगे. वो इस मुद्दे की ज्यादा व्याख्या करने से बचेंगे."
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने और क्या कहा था?
दरअसल, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने चीन के नए 'नक्शे' को सिरे से खारिज कर दिया था. NDTV को दिए गए खास इंटरव्यू में जयशंकर ने कहा कि ऐसे मैप जारी करना चीन की पुरानी आदत रही है. उनके दावों से कुछ नहीं होता. विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा- चीन ने नक्शे में जिन इलाकों को अपना बताया है, वो उनके नहीं हैं. ऐसा करना चीन की पुरानी आदत है. अक्साई चिन और लद्दाख भारत का अभिन्न हिस्सा है. पहले भी चीन भारत के हिस्सों के लेकर नक्शे निकालता रहा है. उसके दावों से कुछ नहीं होता. हमारी सरकार का रुख साफ है. बेकार के दावों से ऐसा नहीं हो जाता कि किसी और के इलाके आपके हो जाएंगे.
राहुल गांधी ने पीएम पर साधा निशाना
इस बीच, चीन के नए मैप को लेकर भारत में राजनीतिक विवाद पैदा कर दिया है. कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा कि पीएम मोदी को इस पर जवाब देना चाहिए. राहुल गांधी ने कहा, "मैं वर्षों से कह रहा हूं कि पीएम ने जो कहा कि लद्दाख में एक इंच जमीन नहीं गई, वह झूठ है. पूरा लद्दाख जानता है कि चीन ने अतिक्रमण किया है. मैप का मुद्दा गंभीर है. प्रधानमंत्री को इसके बारे में कुछ कहना चाहिए.''
चीन के नए मैप का समय
चीन ने अपना नया स्टैंडर्ड मैप ऐसे समय में जारी किया, जब भारत में जी-20 समिट होने जा रहा है. वहीं, पिछले सप्ताह दक्षिण अफ्रीका में ब्रिक्स समिट में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच "अनौपचारिक बातचीत" हुई थी. उसके बाद चीन ने मैप जारी कर दिया.
चीन ने अप्रैल में अरुणाचल के 11 जगहों के बदले थे नाम
इससे पहले चीन ने अप्रैल 2023 में अपने नक्शे में अरुणाचल प्रदेश की 11 जगहों के नाम बदल दिए थे. चीन ने पिछले 5 साल में तीसरी बार ऐसा किया है. इसके पहले 2021 में चीन ने 15 जगहों और 2017 में 6 जगहों के नाम बदले थे.
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