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This Article is From Aug 18, 2017

ब्रह्मोस मिसाइल को लेकर भारत के इस कदम से तन जाएंगी चीन की भौहैं

यह भी अभी साफ नहीं हो पाया है कि आखिर कितनी मिसाइल बेची गई है और कितने रुपयों का सौदा हुआ है.

ब्रह्मोस मिसाइल को लेकर भारत के इस कदम से तन जाएंगी चीन की भौहैं
ब्रह्मोस मिसाइल.
नई दिल्ली: भारत के सिक्किम के करीब भूटान के डोकलाम में भारतीय सैनिक और चीनी सैनिक पिछले महीनों से भी ज्यादा वक्त से नॉन कॉम्बैटिव मोड में आमने सामने डटे हुए हैं. ऐसे में दोनों देशों के बीच तनाव लगातार चला आ रहा है. ऐसे में रिपोर्टों के अनुसार वियतनाम ने भारत से ब्रह्मोस मिसाइल खरीदी हैं. हालांकि भारतीय विदेश मंत्रालय ने वियतनाम को ब्रह्मोस बेचे जाने से इनकार किया है.

यह सुपरसोनिक मिसाइल एंटी शिप क्रूज मिसाइल है और अपनी तरह के वेराइटी में यह काफी घातक मानी जाती है. यह अभी साफ नहीं हो पाया है कि आखिर कितनी मिसाइल बेची गई है और कितने रुपयों का सौदा हुआ है.

वियतनाम के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ली थी हू हैंग ने कहा कि यह रक्षा खरीद वियतनाम की शांति नीति और आत्मसुरक्षा के लिए है और यह राष्ट्रहित में उठाया गया सामान्य कदम है. साथ ही उन्होंने कहा कि यह दोनों देशों में सुरक्षा की दृष्टि से किए गए समझौते और रीजन में शांति बनाए रखने के लिए उठाया गया कदम है. 

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यह पहली बार है कि जब वियतनाम की ओर से दिल्ली से संपर्क पर अभी तक पहला कोई बयान आया है.

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माना जा रहा है कि चीन इस प्रकार की रक्षा खरीद को वियतनाम के उस  अड़ियल रवैये से देखता है जिसके तहत वह दक्षिण चीन सागर में नए द्वीप पर अपने दावों को करता रहा है.

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वीयतनाम के वरिष्ठ पत्रकारों ने एनडीटीवी को बताया है कि इस मिसाइल की पहली खेप कुछ दिन पहले ही वीयतनाम पहुंची है.


(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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