![हिंद महासागर में 'बड़े स्तर पर' अंडरवॉटर ड्रोन्स तैनात कर रहा है चीन : रिपोर्ट हिंद महासागर में 'बड़े स्तर पर' अंडरवॉटर ड्रोन्स तैनात कर रहा है चीन : रिपोर्ट](https://c.ndtvimg.com/2020-09/f0miu37_indian-ocean-region-ani-650_625x300_23_September_20.jpg?downsize=773:435)
रक्षा मामलों के विश्लेषक एचआई सटन (Defence Analyst HI Sutton) ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा है कि चीन ने हिंद महासागर में Sea Wing (Haiyi) ग्लाइडर्स नाम से जाने जाने वाले अंडरवॉटर ड्रोन्स का एक बेड़ा तैनात किया है, जो महीनों तक काम कर सकते हैं और नेवी की खुफिया उद्देश्यों के तहत निगरानी कर सकते हैं.
Forbes मैगज़ीन के लिए लिखी गई अपनी रिपोर्ट में सटन ने कहा है कि चीन इन ग्लाइ़डर्स को बड़े स्तर पर तैनात कर रहा है. रिपोर्ट में कहा गया है कि ये ग्लाइडर्स Uncrewed Underwater Vehicle (UUV) का ही एक प्रकार हैं, जिन्हे 2019, दिसंबर के मध्य में लॉन्च किया गया था और फिर फरवरी में वापस निकाल लिया गया था. इस अवधि में इन्होंने 3,400 से ज्यादा ऑब्ज़र्वेशन किए थे.
सरकारी सूत्रों का हवाला देते हुए सटन ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि चीन के ये ग्लाइडर्स वैसे ही हैं, जैसे US नेवी ने तैनात किए थे और चीन ने 2016 में इनमें से एक को 'रास्ते से गुजरने वाले जहाजों के लिए सुरक्षित नेविगेशन' सुनिश्चित करने का हवाला देकर जब्त कर लिया था. सटन ने लिखा, 'अगर इस बात पर भरोसा करें तो यह बहुत हैरानी की बात है कि चीन अब हिंद महासागर में बड़े स्तर पर ऐसे UUV तैनात कर रहा है. चीन ने आर्कटिक में भी सी विंग तैनात किया है.'
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डिफेंस एक्सपर्ट सटन ने बताया है कि पिछले साल दिसंबर में आई रिपोर्ट्स के मुताबिक यह कहा जा रहा था कि चीन ऐसे 14 ग्लाइडर्स हिंद महासागर में डालेगा, लेकिन इनमें से बस 12 ही इस्तेमाल किए गए. उन्होंने बताया कि इसमें प्रॉपेलिंग के लिए कोई फ्यूल सिस्टम नहीं है. ये बड़े विंग्स के सहारे समुद्र में नीचे ग्लाइड करते रहे हैं. ये बहुत तेज या फुर्तीले नहीं होते हैं, लेकिन ये लंबे मिशन पर काम कर सकते हैं.
रिपोर्ट में कहा गया है कि हिंद महासागर में ये चीनी ग्लाइडर्स कथित रूप से oceanography यानी समुद्र विज्ञान से जुड़ी जानकारी इकट्ठा कर रहे हैं, जो अपने आप में 'कोई नुकसानदायी' बात नहीं लगती, हालांकि, oceanography डेटा का इस्तेमाल नेवी के खुफिया उद्देश्यों के लिए भी किया जाता है.
बता दें कि इसी महीने हुई Global Dialogue Security Summit में भारत के चीफ डिफेंस ऑफ स्टाफ जनरल बिपिन रावत ने इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में बढ़ती चुनौतियों का जिक्र किया था और कहा था कि दुनिया हिंद महासागर क्षेत्र में अपना रणनीतिक आधार बनाने के लिए चल रही दौड़ की साक्षी बन रही है. उन्होंने यह भी कहा था कि आने वाले वक्त में यह रेस और ज्यादा बढ़ने वाली ही है.
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