प्रतीकात्मक फोटो
बीजिंग:
चीन ने सूक्ष्म गुरूत्व और अंतरिक्ष जीवन विज्ञान का अध्ययन करने में वैज्ञानिकों की मदद करने के लिए पुन: प्राप्त किए जा सकने वाले वैज्ञानिक अनुसंधान उपग्रह को आज (बुधवार) लॉन्च किया। एसजे-10 को उत्तरपश्चिमी चीन के गोबी मरूस्थल स्थित जिउक्वाल उपग्रह प्रक्षेपण केंद्र से लॉन्ग मार्च 2-डी रॉकेट के जरिए कक्षा में स्थापित किया गया।
सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने कहा कि इस यान का आकार बंदूक की गोली जैसा है। अंतरिक्ष में रहने के दौरान यह कुल 19 प्रयोगों को अंजाम देगा, जिनमें सूक्ष्म गुरूत्व द्रव भौतिकी, सूक्ष्म गुरूत्व दहन, अंतरिक्षीय पदार्थ, अंतरिक्ष विकिरण प्रभाव, सूक्ष्म गुरूत्व जैविक प्रभाव और अंतरिक्ष जैव-तकनीक से जुड़े प्रयोग शामिल होंगे। इसके बाद यह नतीजों के साथ पृथ्वी पर लौट आएगा।
इन प्रयोगों को 200 से ज्यादा आवेदनों में से चुना गया है। इनमें एक प्रयोग के तहत सूक्ष्म गुरूत्व के अंतर्गत चूहे के भ्रूण के शुरुआती चरण के विकास का भी अध्ययन किया जाएगा, ताकि अंतरिक्ष में मानवीय प्रजनन पर प्रकाश डाला जा सके। इसके अलावा एक अध्ययन के तहत मधुमक्खियों और चूहे की कोशिकाओं की जीन संबंधी स्थिरता पर विकिरण के प्रभाव का अध्ययन किया जाएगा।
एसजे-10 मिशन के प्रमुख वैज्ञानिक हू वेनरूई ने कहा, ‘एसजे-10 पर किए जाने वाले सभी प्रयोग पूरी तरह नए हैं और इन्हें देश या विदेश में कभी अंजाम नहीं दिया गया है।
ये हमारे अकादमिक अनुसंधान के क्षेत्र में महत्वपूर्ण उपलब्धियां ला सकते हैं।’ सीएएस कार्यक्रम के चार वैज्ञानिक उपग्रहों में से एसजे-10 दूसरा वैज्ञानिक उपग्रह है और यह अन्यों से इस बात में अलग है कि यह लौटकर आ सकता है। पिछले कुछ दशकों में चीन की ओर से प्रक्षेपित किया गया यह ऐसा 25वां उपग्रह है, जिसे वापस प्राप्त किया जा सकता है।
सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने कहा कि इस यान का आकार बंदूक की गोली जैसा है। अंतरिक्ष में रहने के दौरान यह कुल 19 प्रयोगों को अंजाम देगा, जिनमें सूक्ष्म गुरूत्व द्रव भौतिकी, सूक्ष्म गुरूत्व दहन, अंतरिक्षीय पदार्थ, अंतरिक्ष विकिरण प्रभाव, सूक्ष्म गुरूत्व जैविक प्रभाव और अंतरिक्ष जैव-तकनीक से जुड़े प्रयोग शामिल होंगे। इसके बाद यह नतीजों के साथ पृथ्वी पर लौट आएगा।
इन प्रयोगों को 200 से ज्यादा आवेदनों में से चुना गया है। इनमें एक प्रयोग के तहत सूक्ष्म गुरूत्व के अंतर्गत चूहे के भ्रूण के शुरुआती चरण के विकास का भी अध्ययन किया जाएगा, ताकि अंतरिक्ष में मानवीय प्रजनन पर प्रकाश डाला जा सके। इसके अलावा एक अध्ययन के तहत मधुमक्खियों और चूहे की कोशिकाओं की जीन संबंधी स्थिरता पर विकिरण के प्रभाव का अध्ययन किया जाएगा।
एसजे-10 मिशन के प्रमुख वैज्ञानिक हू वेनरूई ने कहा, ‘एसजे-10 पर किए जाने वाले सभी प्रयोग पूरी तरह नए हैं और इन्हें देश या विदेश में कभी अंजाम नहीं दिया गया है।
ये हमारे अकादमिक अनुसंधान के क्षेत्र में महत्वपूर्ण उपलब्धियां ला सकते हैं।’ सीएएस कार्यक्रम के चार वैज्ञानिक उपग्रहों में से एसजे-10 दूसरा वैज्ञानिक उपग्रह है और यह अन्यों से इस बात में अलग है कि यह लौटकर आ सकता है। पिछले कुछ दशकों में चीन की ओर से प्रक्षेपित किया गया यह ऐसा 25वां उपग्रह है, जिसे वापस प्राप्त किया जा सकता है।