QUAD बैठक के पास लड़ाकू विमान उड़ाने पर China ने दी सफाई, Russia संग वार्षिक अभ्यास का दिया हवाला

जब भारत (India) के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi), अमेरिका (US) के राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) , ऑस्ट्रेलिया (Australia) के नव-नियुक्त प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज़ (Anthony Albanese) जापान (Japan) के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा (Fumio Kishida) के साथ क्वाड (QUAD) बैठक कर रहे थे तब पास ही में चीन (China) और रूस (Russia) के लड़ाकू विमानों (Fighter Jets) ने संयुक्त हवाई अभ्यास किया था. 

QUAD बैठक के पास लड़ाकू विमान उड़ाने पर China ने दी सफाई, Russia संग वार्षिक अभ्यास का दिया हवाला

Quad meeting के पास लड़ाकू विमान उड़ाने पर चीन ने दी सफाई

चीन (China) की सेना ने बुधवार को क्वाड मीटिंग (QUAD Meeting) के स्थल के पास लड़ाकू विमान (Fighter Jets) उड़ाने पर सफाई दी. चीन ने कहा है कि रूस (Russia) के साथ उसका हवाई संयुक्त अभ्यास किसी भी देश को लक्षित कर नहीं किया गया. जापान (Japan) के रक्षा मंत्रालय ने बताया था कि क्वाड बैठक के दौरान जब भारत (India) के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi), अमेरिका (US) के राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) , ऑस्ट्रेलिया (Australia) के नव-नियुक्त प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज़ (Anthony Albanese) जापान (Japan) के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा (Fumio Kishida) के साथ बैठक कर रहे थे तब जापान के सागर, पूर्वी चीन सागर और पश्चिमी प्रशांत सागर में चीन और रूस के लड़ाकू विमानों ने संयुक्त हवाई अभ्यास किया था. 

रॉयटर्स के अनुसार, चीन के रक्षा मंत्रालय ने अपनी वेबसाइट पर मंगलवार को बताया कि यह लंबी दूरी की उड़ान, एक वार्षिक सैन्य अभ्यास का हिस्सा था जो यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के बाद पहली बार किया गया. 

जापान और दक्षिण कोरिया के हवाई क्षेत्रों के नजदीक यह अभ्यास अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन की राष्ट्रपति के तौर पर पहली एशिया यात्रा के दौरान हुआ. इससे पहले जो बाइ़डेन ने कहा था कि अगर चीन ताइवान पर हमला करता है तो अमेरिका ताइवान की सैन्य मदद करेगा.  

चीन और रूस ने 2019, 2020, 2021 में भी ऐसी लंबी दूरी की उड़ाने भरी थीं, लेकिन यह अभ्यास साल के दूसरे हिस्से में था.

क्वाड नेताओं ने रूस चीन के इस संयुक्त अभ्यास के बाद एक साझा बयान में चीन और रूस का सीधा नाम लिए बगैर मंगलवार को चेतावनी दी  थी कि बल के प्रयोग से हिंद-प्रशांत क्षेत्र में मौजूदा स्थिति बदलने के किसी प्रयास को स्वीकार नहीं किया जाएगा. इस बयान का संदर्भ यूक्रेन में हो रहे युद्ध से था. हालांकि चीन पर भी इस इलाके में ऐसी कई गतिविधियां करने का आरोप लगातार लगता है. 

जापान के रक्षा मंत्री नोबुओ किशी ने कहा था कि उनकी सरकार ने रूस और चीन के सामने इन लड़ाकू विमानों की उड़ानों पर गहरी चिंता जताई है. इकिशी ने कहा कि जापान ने कूटनीतिक माध्यम से देश और क्षेत्र सुरक्षा चिंताओं को "जापान और रूस को बता दिया है. जब अंतरराष्ट्रीय समुदाय यूक्रेन के खिलाफ रूसी आक्रमण की निंदा कर रहा है तो ऐसे में चीन का रूस के साथ मिलकर ऐसी किसी उकसाने वाली कार्रवाई में शामिल होना चिंता हमारी और क्षेत्र की सुरक्षा के लिए चिंता का विषय है."

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