चीन (China) लगातार अमेरिका (US) को यह चेतावनी दे रहा है कि अगर अमेरिकी प्रतिनिधि सभा की स्पीकर नैन्सी पेलोसी (Nancy Pelosi) ताइवान की यात्रा (Taiwan Visit) करती हैं तो इसके परिणाम अमेरिका को भुगतने पड़ेंगे. पिछले 24 सालों में अमेरिका के किसी चुने हुए उच्च प्रतिनिधि ने ताइवान की यात्रा नहीं की है. चीन ताइवान को अपना हिस्सा मानता है और अमरेकी नेता की ताइवान यात्रा को अपनी संप्रभुता पर हमले की तरह देख रहा है.
ब्लूमबर्ग के अनुसार, ये हैं कुछ कदम जो चीन उठा सकता है.
1) युद्धक विमानों से और बड़ी घुसपैठ
चीन आए दिन ताइवान के एयर डिफेंस आइडेंटिफिकेशन ज़ोन में घुसपैठ करता रहता है. चीन की पीपल्स लिबरेशन आर्मी ताइवान में नैन्सी पेलोसी की यात्रा का विरोध करने के लिए सामान्य से बड़ा युद्धक विमानों का बेड़ा भेज सकता है. अब तक एक दिन में चीन के 56 युद्धक विमानों के चीन के एयर डिफेंस आएडेंटिफिकेशन ज़ोन में घुसपैठ का रिकॉर्ड बन चुका है.
2) ताइवान के उपर युद्धक विमानों की उड़ान
चीन की कम्युनिस्ट पार्टी की तरफ से ग्लोबल टाइम्स न्यूज़पेपर में कहा गया था कि चीन को ताइवान के उपर अपने युद्धक विमान उड़ाने चाहिए ताकि ताइवानी राष्ट्रपति त्साई इन वेन पर यह निर्धारित करने का जोर बन सके कि क्या इन विमानों को मार गिराना है. पिछले साल ताइवान के रक्षा मंत्री ने चेतावनी दी थी कि आप हमारे द्वीप के जितना पास आओगे हम उतनी शक्ति से पलटवार करेंगे.
3) ताइवान के पास मिसाइल टेस्ट
1995 की ग्रीम ऋतु में चीन ने अमेरिका और ताइवान के रिश्तों पर प्रतिक्रिया देते हुए ताइवान के नज़दीक समुद्र में मिसाइल टेस्ट किया था. चीन ने यह कदम ताइवान की पहली लोकतांत्रिक तरीके से चुनी गई राष्ट्रपति ली तेंग हुई को अमेरिका के राष्ट्रपति बिल क्लिंटन की तरफ से यात्रा की मंजूरी देने के खिलाफ उठाया था.
4) आर्थिक दंड
चीन ताइवान का सबसे बड़ा व्यापारिक पार्टनर है. चीन इसका फायदा उठा सकता है और ताइवान पर आर्थिक प्रतिबंध लगा सकता है.
5) राजनैतिक विरोध
ग्लोबल टाइम्स ने मंगलवार को अमेरिका को चेतावनी दी है कि पेलोसी की ताइवान यात्रा से चीन-अमेरिका के रिश्तों में और खटास आएगी.
6) किसी द्वीप पर कब्जा
चीन बदला लेने के लिए ताइवान के किसी छोटे द्वीप पर कब्जा कर सकता है. हालांकि इसकी उममीद कम है. शीत युद्द के शुरुआती दिनों में पीएलए की सेना ने ताइवान के किनमेन द्वीप पर बम बरसाए थे.
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