मसूद अजहर (फाइल फोटो)
बीजिंग:
चीन ने शनिवार को कहा कि भारत की ओर से पाकिस्तान स्थित जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र द्वारा आतंकवादी घोषित करवाने के प्रयास पर उसकी ओर से लगाई गई तकनीकी रूकावट आगे बढ़ा दी गई है.
चीन की ओर से लगाई गई तकनीकी रोक की मियाद सोमवार को पूरी हो रही थी और अगर चीन ने आगे आपत्ति नहीं उठाई होती तो अजहर को आतंकवादी घोषित करने वाला प्रस्ताव स्वत: पारित हो गया होता. अब चीन की यह रोक अगले छह महीने के लिए फिर बढ़ गई है.
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग ने कहा, "भारत की ओर से मार्च, 2016 में 1267 समिति को सौंपे गए आवेदन पर तकनीकी रोक को पहले ही आगे बढ़ा दिया गया है."उन्होंने कहा, "भारत के आवेदन पर अब भी मतभेद हैं. तकनीकी रोक के आगे बढ़ जाने के बाद समिति को इस मामले पर विचार करने के लिए और संबंधित पक्षों को आगे
विचार-विमर्श के लिए समय मिल जाएगा."
इसी साल 31 मार्च को चीन ने पठानकोट हमले के मास्टरमाइंड अजहर को आतंकवाद घोषित कराने के कदम पर रोक लगा दी थी. सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्य होने की वजह से चीन को वीटो का अधिकार हासिल है.
सुरक्षा परिषद के 15 देशों में चीन इकलौता देश रहा जिसने भारत के आवेदन का विरोध किया जबकि 14 अन्य देशों ने भारत की कोशिश का समर्थन किया. 1267 समिति की सूची में अजहर का नाम शामिल हो जाने से उसकी संपत्तियां जब्त हो जाएंगी और उसकी यात्रा पर भी रोक लग जाएगी.
गेंग ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की 1267 समिति 'सुरक्षा परिषद के प्रासंगिक प्रस्तावों के अनुसार अपना काम करती है.' उन्होंने कहा, "चीन हमेशा से यह मानता रहा है कि किसी मामले को सूचीबद्ध करने के लिए 1267 समिति को उद्देश्यात्मकता, निष्पक्षता और पेशेवराना रवैए के मुख्य सिद्धातों पर खरा उतरना चाहिए और सुरक्षा परिषद के सदस्य देशों के सदस्यों के बीच सहमति से फैसला करना चाहिए."
चीन की ओर से तकनीकी रोक को उस वक्त बढ़ाया गया है जब उरी हमले को लेकर भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव की स्थिति है. उरी हमले के लिए जैश-ए-मोहम्मद को जिम्मेदार ठहराया गया था.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
चीन की ओर से लगाई गई तकनीकी रोक की मियाद सोमवार को पूरी हो रही थी और अगर चीन ने आगे आपत्ति नहीं उठाई होती तो अजहर को आतंकवादी घोषित करने वाला प्रस्ताव स्वत: पारित हो गया होता. अब चीन की यह रोक अगले छह महीने के लिए फिर बढ़ गई है.
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग ने कहा, "भारत की ओर से मार्च, 2016 में 1267 समिति को सौंपे गए आवेदन पर तकनीकी रोक को पहले ही आगे बढ़ा दिया गया है."उन्होंने कहा, "भारत के आवेदन पर अब भी मतभेद हैं. तकनीकी रोक के आगे बढ़ जाने के बाद समिति को इस मामले पर विचार करने के लिए और संबंधित पक्षों को आगे
विचार-विमर्श के लिए समय मिल जाएगा."
इसी साल 31 मार्च को चीन ने पठानकोट हमले के मास्टरमाइंड अजहर को आतंकवाद घोषित कराने के कदम पर रोक लगा दी थी. सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्य होने की वजह से चीन को वीटो का अधिकार हासिल है.
सुरक्षा परिषद के 15 देशों में चीन इकलौता देश रहा जिसने भारत के आवेदन का विरोध किया जबकि 14 अन्य देशों ने भारत की कोशिश का समर्थन किया. 1267 समिति की सूची में अजहर का नाम शामिल हो जाने से उसकी संपत्तियां जब्त हो जाएंगी और उसकी यात्रा पर भी रोक लग जाएगी.
गेंग ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की 1267 समिति 'सुरक्षा परिषद के प्रासंगिक प्रस्तावों के अनुसार अपना काम करती है.' उन्होंने कहा, "चीन हमेशा से यह मानता रहा है कि किसी मामले को सूचीबद्ध करने के लिए 1267 समिति को उद्देश्यात्मकता, निष्पक्षता और पेशेवराना रवैए के मुख्य सिद्धातों पर खरा उतरना चाहिए और सुरक्षा परिषद के सदस्य देशों के सदस्यों के बीच सहमति से फैसला करना चाहिए."
चीन की ओर से तकनीकी रोक को उस वक्त बढ़ाया गया है जब उरी हमले को लेकर भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव की स्थिति है. उरी हमले के लिए जैश-ए-मोहम्मद को जिम्मेदार ठहराया गया था.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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