फ्रांस की पुलिस ने एक प्रिंट कंपनी और एक यहूदी सुपरमार्केट में घुस कर, शार्ली ऐब्दो नरसंहार मामले में वांछित दो भाइयों और कथित तौर पर उनके एक साथी को मार डाला, जिसने दो अलग-अलग घटनाओं में लोगों को बंधक बनाया था। बंधक प्रकरण की वजह से पूरे फ्रांस में दहशत फैली रही।
पेरिस के उत्तर पूर्व में दामार्तिन एन गोइली गांव में एक छोटी प्रिंटिंग कंपनी में जब सशस्त्र कमांडो ने रात को प्रवेश किया तो वहां विस्फोट हुए और इमारत से धुआं निकला।
एक सुरक्षा सूत्र ने बताया कि दोनों इस्लामिस्टों ने भागने की नाकाम कोशिश की। उन्होंने सुरक्षा बलों पर गोलीबारी की। बाद में दोनों मारे गए।
इसी बीच पेरिस के पूर्व में एक यहूदी स्टोर में पुलिस घुसी जहां कम से कम एक सशस्त्र हमलावर ने पांच लोगों को बंधक बना रखा था। इससे पहले उस हमलावर के साथ हुई गोलीबारी में दो लोगों की जान भी गई।
सुरक्षा सूत्रों ने बताया कि बंदूकधारी भी मारा गया। भयभीत बंधकों को स्टोर से बाहर भागते हुए देखा गया।
इन हमलावरों के मारे जाने के साथ ही 48 घंटे से फ्रांस में व्याप्त दहशत और अनिश्चितता का अंत हो गया, जिसकी शुरुआत शार्ली ऐब्दो पत्रिका के कार्यालय में दो भाइयों के हमले में 12 लोगों के मारे जाने से हुई थी। यह हमला फ्रांस में आधी सदी में हुआ सबसे भयावह हमला था।
पेरिस के पूर्वी पोर्ते दे विन्सेनेस इलाके में बंधक बनाने वाले व्यक्ति के बारे में शक है कि यह वही व्यक्ति था जिसने कल दक्षिणी पेरिस में एक महिला पुलिस कर्मी को गोली मारी थी। यह भी आशंका है कि यह व्यक्ति शार्ली ऐब्दो के कम से कम एक बंदूकधारी को जानता था।
फ्रांस की पुलिस ने एमेडी कौलीबाले (32) नामक उस व्यक्ति की तथा हयात बौमेडिएन (26) नामक महिला की तस्वीरें जारी की थीं। हयात भी महिला पुलिस कर्मी को गोली मारने की घटना के सिलसिले में वांछित है।
पोर्ते दे विन्सेनेस इलाके में पुलिस ने आसपास की सड़क, स्कूल और दुकानें बंद करा दीं। यहां रहने वाले लोगों को घरों के अंदर ही रहने को कहा गया।
पेरिस के मुख्य शार्लेस दे गाउले हवाईअड्डे से केवल 12 किमी दूर दामार्तिन एन गोइली में फ्रांसीसी बलों ने छतों पर स्नाइपर्स तैनात किए थे और प्रिंट कंपनी के उपर हेलीकॉप्टरों ने बेहद नीची उड़ानें भी भरीं। शार्ली हेब्दो के संदिग्धों को शुक्रवार सुबह इसी कंपनी में घेरा गया।
पुलिस सूत्रों ने बताया कि सुपरमार्केट में 5 लोगों को बंधक बनाने वाले व्यक्ति तथा शेरिफ और सईद काउची के बीच 'संबंध' था। शेरिफ और सईद काउची पर शार्ली ऐब्दो पत्रिका के कार्यालय में गोलीबारी कर 12 लोगों को मार डालने का आरोप है।
इससे पहले पुलिस ने अल्जीरियाई मूल के इन दोनों व्यक्तियों का तेज गति से कार से भागते समय पीछा कर रोकने का प्रयास किया और तब भी उनके बीच गोलीबारी हुई थी।
प्रिंट इकाई में एक प्रत्यक्षदर्शी का इनमें से एक संदिग्ध से सामना हुआ था। उसने बताया कि संदिग्ध काले कपड़े और बुलेट प्रूफ जैकेट पहने हुए था। उसके पास एक हथियार था जो कलाश्निकोव जैसा नजर आ रहा था।
सेल्समैन ने फ्रांस इन्फो रेडियो को बताया कि एक भाई ने कहा था 'छोड़ो, हम नागरिकों को नहीं मारते।' इलाके के स्कूलों को खाली करा लिया गया और निवासियों को गतिरोध दूर होते तक घरों के अंदर ही रहने को कहा गया।
पूर्व में संदिग्धों ने एक महिला से उसकी कार अपहृत कर ली। महिला का कहना था कि उसने दोनों भाइयों को पहचान लिया था। इस बीच, यह भी पता चला है कि दोनों भाई 'बरसों से' अमेरिका की आतंकवाद निगरानी सूची में शामिल थे।
शार्ली ऐब्दो हमले के बाद उत्पन्न आशंकाओं के बीच, ब्रिटेन की खुफिया एजेंसी एमआई 5 के प्रमुख ने चेताया कि इस्लामी आतंकवादी 'पश्चिम में कई अन्य बड़े हमले करने की' साजिश रच रहे हैं और हो सकता है कि खुफिया एजेंसियों के लिए इन हमलों को रोकना मुश्किल हो।
'शार्ली ऐब्दो' के कार्यालय में बुधवार को हुए खूनखराबे को लेकर दुनियाभर में आक्रोश है और 'आई एम शार्ली' के बैनर तले विश्वभर में प्रेस की आजादी के पक्ष में रैलियां हो रही हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने हमले में मारे गये लोगों के प्रति वाशिंगटन में श्रद्धांजलि दी।
पेरिस में कल राष्ट्रीय शोक के दौरान हजारों लोग जुटे और मारे गए लोगों के सम्मान में एफिल टावर की रोशनियां मद्धिम कर दी गईं। वहीं फ्रांस में रविवार को 'रिपब्लिकन मार्च' में हजारों लोगों के शामिल होने की उम्मीद है।
राजनीतिक रूप से बंटा और संकट में फंसा फ्रांस आपदा की इस स्थिति में एकजुट हो गया है तथा देश के मुस्लिम समुदाय के प्रमुख ने इमामों से शुक्रवार की नमाज के दौरान आतंकवाद की निंदा करने का अनुरोध किया। यूरोप में सबसे अधिक मुसलमान फ्रांस में ही हैं।
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