
- लाल सागर के नीचे बिछी केबलों में खराबी के कारण भारत और एशिया के कई देशों में इंटरनेट की गति प्रभावित हुई है.
- माइक्रोसॉफ्ट ने क्लाउड सेवाओं में रुकावटों की पुष्टि करते हुए मिडिल ईस्ट से गुजरने वाले ट्रैफिक में देरी जताई.
- खराबी टाटा कम्युनिकेशंस के SMW4 केबल और अल्काटेल-ल्यूसेंट के IMEWE केबल में आई है, जिससे असर पड़ा.
क्या आपके इंटरनेट पर दिक्कतें आ रही हैं, ऑफिस में ठीक से काम नहीं हो पा रहा है या फिर कोई जरूरी वीडियो देखने की कोशिशें बेकार जा रही हैं... तो घबराइए मत, न तो आपका डेटा खत्म हुआ है और न ही आपको प्लान रिन्यू कराने की जरूरत है. दरअसल लाल सागर के नीचे बिछीं तारों को नुकसान पहुंचा है. इसके चलते भारत समेत एशिया के कई देशों में तो इंटरनेट धीमा हुआ ही है और साथ ही साथ मीडिल ईस्ट के देशों में भी इसकी स्पीड पर असर पड़ा है. न्यूज एजेंसी एपी की एक रिपोर्ट के अनुसार भारत और पाकिस्तान समेत दक्षिण एशिया के कई देशों में इंटरनेट की स्पीड ने लोगों को परेशान करके रखा हुआ है.
लंबा होगा इंतजार
नेट ब्लॉक्स जो कि एक मॉनिटरिंग ग्रुप है, उसकी तरफ से जानकारी दी गई है कि 'लाल सागर में समुद्र के नीचे केबल की एक सीरीज की वजह से कई देशों में इंटरनेट कनेक्टिविटी खराब हो गई है',खासतौर पर भारत और पाकिस्तान में इसका सबसे ज्यादा असर पड़ा है. माइक्रोसॉफ्ट की तरफ से भी इस बात की पुष्टि की गई है कि एज्यूर क्लाउड सर्विसेज में काफी रुकावटें आ रही हैं. इसके साथ ही उसने यूजर्स को आगाह किया है कि मीडिल ईस्ट से गुजरने वाले रास्तों पर यूजर्स को ज्यादा लंबे समय तक इसके बेहतर होने का इंतजार करना पड़ेगा.
स्टेटस अपडेट में, कंपनी ने कहा, 'हमें उम्मीद है कि कुछ ट्रैफिक पर, जो पहले मिडिल ईस्ट से होकर गुजरता था, उस पर ज्यादा डिले होगा. मध्य पूर्व से होकर न गुजरने वाले नेटवर्क ट्रैफिक पर इसका कोई असर नहीं पड़ेगा. हम रोजाना अपडेट देते रहेंगे या हालात बदलने पर उससे भी पहले.'
क्यों आई है खराबी
बताया जा रहा है कि रुकावट टाटा कम्युनिकेशंस की ओर से ऑपरेट की जा रही दक्षिण पूर्व एशिया-मध्य पूर्व-पश्चिमी यूरोप 4 (SMW4) केबल और अल्काटेल-ल्यूसेंट की ओर से मैनेज हो रहे एक संघ की ओर से ऑपरेट हो रहे भारत-मध्य पूर्व-पश्चिमी यूरोप (IMEWE) केबल में खराबी के कारण हुआ है. एपी की रिपोर्ट के अनुसार, दोनों कंपनियों ने टिप्पणी के अनुरोधों का तुरंत जवाब नहीं दिया. पाकिस्तान टेलीकम्युनिकेशंस कंपनी लिमिटेड की ओर से भी एक बयान जारी किया गया है. इसमें इंटरनेट में कटौती की पुष्टि की गई है. इस बीच, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के यूजर्स ने भी सरकारी सर्विस प्रोवाइडर डू और एतिसलात नेटवर्क पर धीमे कनेक्शन की शिकायत की.
कैसे डैमेज होती है केबल
समुद्र के नीचे के केबल ग्लोबल इंटरनेट कनेक्टिविटी की रीढ़ हैं. ये केबल किसी दुर्घटना की वजह से अचानक डैमेज हो सकते हैं जैसे कि जहाज के लंगर से. लेकिन कभी-कभी इन्हें जानबूझकर भी निशाना बनाया जा सकता है. इनकी मरम्मत में आमतौर पर हफ्तों लग जाते हैं, जिसके लिए खास जहाजों और कर्मचारियों की जरूरत होती है. यह घटना तब हुई है जब लाल सागर पर लगातार तनाव बढ़ता जा रहा है. यहां पर यमन के हूती विद्रोहियों ने गाजा में इजरायल के युद्ध के विरोध में कई कार्गो शिप्स को निशाना बनाया है.
युद्ध का मैदान बना लाल सागर
यमन की निर्वासित सरकार ने पहले हूतियों पर समुद्र के नीचे केबलों पर हमला करने की साजिश रचने का आरोप लगाया था लेकिन समूह ने जिम्मेदारी लेने से इनकार कर दिया है. रविवार को, हूतियों के अल-मसीरा टीवी ने नेटब्लॉक्स का हवाला देते हुए केबल कट की घटना को स्वीकार किया, लेकिन इसमें अपने शामिल होने से इनकार कर दिया है. हाल के महीनों में लाल सागर हिंसा के केंद्र में आ गया है. एपी की रिपोर्ट के अनुसार, साल 2023 के अंत से 2024 तक, हूती सैनिकों ने 100 से ज्यादा जहाजों को निशाना बनाया जिनमें से चार डूब गए और कम से कम आठ नाविक मारे गए. अमेरिका और उसके सहयोगियों ने जवाबी हमले किए हैं, जबकि इजरायल, हमास के खिलाफ हमले जारी रखे हुए है.
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