कंधार:
अफगानिस्तान में तड़के एक यात्री बस और ईंधन लेकर जा रहे टैंकर में टक्कर होने से कम से कम 30 लोगों की मौत हो गई।
अधिकारियों ने बताया कि मृतकों में से ज्यादातर लोग अफीम की खेती के लिए जा रहे थे।
यह हादसा कंधार प्रांत के मैवांद जिले में हुआ। बस में सवार लोग ‘निश्तार’ में शामिल होने के लिए जा रहे थे।
हर साल अप्रैल में 15 से 20 दिन ‘निश्तार’ का सीजन होता है। इस दौरान दक्षिणी अफगानिस्तान के ग्रामीण अफीम के खेतों में काम करते हैं और कम समय में ही उन्हें अच्छी आमदनी होती है।
निश्तार वास्तव में एक नन्हा लैंस होता है जिसकी मदद से अफीम के पौधों में चीरा लगाकर रेसिन निकाला जाता है। ठोस अफीम में रेसिन सूख जाता है।
कंधार के गवर्नर के प्रवक्ता जाविद फैजल ने बताया ‘सुबह करीब चार बजे एक यात्री बस ईंधन के टैंकर से टकरा गई जिससे 30 लोगों की मौत हो गई। मृतकों में ज्यादातर पुरुष हैं। हादसे में दस लोग घायल भी हुए हैं।’ फैजल ने इन खबरों को गलत बताया है कि तालिबान उग्रवादियों ने टैंकर में आग लगा दी और सड़क के बीचों बीच टैंकर जलने लगा।
अधिकारियों ने बताया कि मृतकों में से ज्यादातर लोग अफीम की खेती के लिए जा रहे थे।
यह हादसा कंधार प्रांत के मैवांद जिले में हुआ। बस में सवार लोग ‘निश्तार’ में शामिल होने के लिए जा रहे थे।
हर साल अप्रैल में 15 से 20 दिन ‘निश्तार’ का सीजन होता है। इस दौरान दक्षिणी अफगानिस्तान के ग्रामीण अफीम के खेतों में काम करते हैं और कम समय में ही उन्हें अच्छी आमदनी होती है।
निश्तार वास्तव में एक नन्हा लैंस होता है जिसकी मदद से अफीम के पौधों में चीरा लगाकर रेसिन निकाला जाता है। ठोस अफीम में रेसिन सूख जाता है।
कंधार के गवर्नर के प्रवक्ता जाविद फैजल ने बताया ‘सुबह करीब चार बजे एक यात्री बस ईंधन के टैंकर से टकरा गई जिससे 30 लोगों की मौत हो गई। मृतकों में ज्यादातर पुरुष हैं। हादसे में दस लोग घायल भी हुए हैं।’ फैजल ने इन खबरों को गलत बताया है कि तालिबान उग्रवादियों ने टैंकर में आग लगा दी और सड़क के बीचों बीच टैंकर जलने लगा।