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This Article is From May 04, 2020

दाढ़ी होने के कारण ड्यूटी से हटाए जाने के खिलाफ ब्रिटिश सिख डॉक्टरों ने उठाई आवाज

सिख डॉक्टर संघ के प्रमुख डॉ. सुखदेव सिंह ने कहा, ‘कुछ डॉक्टरों ने उनकी ड्यूटी से जबरन हटाए जाने से सहकर्मियों के बीच उत्पन्न तनाव को लेकर हमसे सम्पर्क किया, क्योंकि उनका काम अब अन्य डॉक्टरों को करना पड़ रहा है.’

दाढ़ी होने के कारण ड्यूटी से हटाए जाने के खिलाफ ब्रिटिश सिख डॉक्टरों ने उठाई आवाज
प्रतीकात्मक तस्वीर
Quick Take
Summary is AI generated, newsroom reviewed.
दाढ़ी के कारण कई महत्वपूर्ण भूमिकाओं से हटाए गए सिख डॉक्टर्स
PPE की एक बेहतर खरीद रणनीति के लिए अभियान चला रही है सिख संस्था
PPE अस्पतालों में कोरोना वायरस के मरीजों के इलाज के लिए आवश्यक है
लंदन:

दाढ़ी के कारण कई महत्वपूर्ण भूमिकाओं से हटाए जाने के बाद अब ब्रिटिश सिख डॉक्टर राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा द्वारा निजी सुरक्षा उपकरणों (PPE) की एक बेहतर खरीद रणनीति के लिए अभियान चला रहे हैं. PPE अस्पतालों में कोरोना वायरस के मरीजों के इलाज के लिए आवश्यक है. सिख डॉक्टर संघ के अनुसार कम से कम पांच सिखों को NHS अस्तपालों से इसलिए हटा दिया गया, क्योंकि उन्होंने दाढ़ी काटने से मना कर दिया था, जिस वजह से वे चेहरे के तथाकथित सुरक्षात्मक गियर ‘फिट टेस्ट' में पास नहीं हो पाए थे. सिख डॉक्टर संघ के प्रमुख डॉ. सुखदेव सिंह ने कहा, ‘कुछ डॉक्टरों ने उनकी ड्यूटी से जबरन हटाए जाने से सहकर्मियों के बीच उत्पन्न तनाव को लेकर हमसे सम्पर्क किया, क्योंकि उनका काम अब अन्य डॉक्टरों को करना पड़ रहा है.' उन्होंने कहा, ‘समस्या ‘पावर सेविंग प्यूरीफायर रेस्पिरेटर्स' (PAPR) की कमी है, जो कि गहन देखभाल इकाइयों (ICU) जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में आवश्यक ‘हुड रेस्पिरेटर' है. दाढ़ी और पगड़ी वाले सिखों के साथ-साथ सभी कर्मियों का ‘फिट टेस्ट' पास करना और सभी उपकरणों का इस्तेमाल करना होता है.'

इस सभी पांच सिखों का मामला PAPR मुहैया कराकर हल किया जा सकता है. इसकी कीमत करीब जीबीपी 1,000 है लेकिन इसका दोबारा इस्तेमाल किया जा सकता है. संघ अब NHS ट्रस्ट और NHS इंग्लैंड के साथ काम कर रहा है, ताकि समय रहते पर्याप्त संख्या में इस तरह के विशेषज्ञ सुरक्षात्मक गियर की खरीद को लेकर जागरूकता लाई जा सके.

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वहीं आम कपड़े वाले FFP3 मास्क दाढ़ी के साथ प्रभावी नहीं होते, इस वजह से अन्य समुदायों जैसे कि मुसलमान भी प्रभावित होते हैं. सिंह ने कहा, ‘खरीद प्रणाली को आंख बंद करके नहीं चलाया जा सकता. यह सुनिश्चित करने के लिए अधिक से अधिक सहभागिता और सर्वेक्षण जरूरी है कि विशिष्ट कर्मचारियों की आवश्यकताओं को ध्यान में रखा जाए,ताकि महामारी जैसे संकट के समय में उचित पीपीई का पर्याप्त स्टॉक उपलब्ध हो.'

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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