अमेरिका में भारतीय दूतावास ने मैरीलैंड राज्य के बाल्टीमोर में एक मालवाहक जहाज के एक प्रमुख पुल से टकराने और इसके चलते पुल के नदी में गिरने की घटना को 'दुर्भाग्यपूर्ण दुर्घटना' बताया है. पोत का प्रबंधन 22 सदस्यीय भारतीय चालक दल कर रहा था. इस घटना से पूर्वोत्तर अमेरिका में सबसे महत्वपूर्ण बंदरगाहों में से एक पर कामकाज ठप हो गया. घटना में छह लोगों के मारे जाने की आशंका है.
यह पोत सोमवार देर रात 2.6 किलोमीटर लंबे 'फ्रांसिस स्कॉट की ब्रिज' के एक खंभे से जब टकराया. तब पुल से कई गाड़ियां गुज़र रही थीं. कंटेनर के टकराने के बाद पुल टूट कर नदी में गिर गया. इस दौरान जहाज में आग लग गई और उसमें से काला धुआं निकलने लगा. किसी ने इस घटना का एक वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दिया.
अधिकारियों ने बताया कि सिंगापुर का झंडा लगे पोत 'डली' में 'बिजली संबंधी' समस्या थी और इसके पुल से टकराने से कुछ क्षण पहले परेशानी में होने का संदेश भेजा गया था. अमेरिका में भारतीय दूतावास ने सोशल मीडिया मंच 'एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, "बाल्टीमोर में 'फ्रांसिस स्कॉट की ब्रिज' के साथ हुई दुर्भाग्यपूर्ण दुर्घटना से प्रभावित सभी लोगों के प्रति हमारी हार्दिक संवेदना."
उसने कहा कि दूतावास ने उन भारतीय नागरिकों के लिए एक समर्पित हॉटलाइन बनाई है जो इस घटना के कारण प्रभावित हुए हो सकते हैं या उन्हें सहायता की आवश्यकता है. दूतावास जहाज के चालक दल के संबंध में विवरण का पता लगा रहा है. मैरीलैंड के गवर्नर वेस मूर ने भी संवाददाताओं से कहा कि मालवाहक जहाज के चालक दल ने पोत के पुल से टकराने से पहले अधिकारियों को 'बिजली संबंधी समस्या' के बारे में सचेत किया था जिससे पुल पर यातायात को सीमित किया जा सका.
मूर ने कहा, 'ये लोग नायक हैं. उन्होंने कल रात लोगों की जान बचाई.' पोत का प्रबंधन करने वाली 'सिनर्जी मरीन ग्रुप' ने एक बयान में कहा कि 'डली' पोत पर चालक दल के 22 सदस्य थे और सभी भारतीय थे'. बयान में कहा गया है कि दो पायलट समेत चालक दल के सभी सदस्य सुरक्षित हैं और किसी को कोई चोट नहीं आई है. बयान में यह भी कहा गया है कि घटना की वजह से कोई प्रदूषण नहीं फैला है.
समूह ने बयान में कहा कि जहाज सोमवार को स्थानीय समयानुसार रात लगभग 1:30 बजे बाल्टीमोर के 'फ्रांसिस स्कॉट की ब्रिज' के एक खंभे से टकरा गया. पोत जब पुल से टकराया उस वक्त उस पर निर्माण दल के श्रमिक गड्ढे भरने का काम कर रहे थे. बचाव कर्मियों ने नदी में से दो लोगों को निकाला है और छह कर्मी अब भी लापता हैं. इन लापता श्रमिकों में ग्वाटेमाला, होंडुरास और मैक्सिको के नागरिक शामिल हैं.
पूरे दिन खोज और बचाव अभियान के बाद, अमेरिकी तट रक्षक के रियर एडमिरल शैनन गिलरेथ कहा कि बल अभियान को निलंबित कर रहा है क्योंकि शेष श्रमिकों के जीवित पाए जाने की संभावना नहीं है. तटरक्षक बल ने स्थानीय समयानुसार मंगलवार शाम 7:30 बजे अपना खोज और बचाव अभियान निलंबित कर दिया.
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने व्हाइट हाउस में कहा, "जहाज पर सवार कर्मियों ने मैरीलैंड परिवहन विभाग को सचेत कर दिया कि उन्होंने अपने पोत से नियंत्रण खो दिया है...परिणामस्वरूप, स्थानीय अधिकारी पुल के ढहने से पहले उसे यातायात के लिए बंद कर पाए जिससे निस्संदेह लोगों की जान बची." बाइडेन ने कहा कि वह आपात स्थिति के मद्देनजर आवश्यक संघीय संसाधन भेज रहे हैं. उन्होंने कहा, "हम मिलकर उस बंदरगाह का पुनर्निर्माण करेंगे."
उन्होंने कहा कि यह एक भयानक दुर्घटना थी. राष्ट्रपति ने कहा, "इस समय, हमारे पास यह मानने के लिए कोई संकेत नहीं है कि यह जानबूझकर किया गया कृत्य था." इस पोत का मालिकाना हक ग्रेस ओशन प्राइवेट लिमिटेड के पास है. यह बाल्टीमोर से कोलंबो जा रहा था. बाइडेन ने कहा कि बाल्टीमोर बंदरगाह देश के सबसे बड़े नौ-परिवहन केंद्रों में से एक है. यह पुल 1977 में खोला गया था और यह पटाप्सको नदी पर बना है जो एक महत्वपूर्ण जलमार्ग है. मैरीलैंड जिले के लिए अमेरिकी अटॉर्नी एरेक बैरोन ने कहा कि ऐसा कोई सबूत नहीं है जो यह संकेत करता हो कि पुल के ढहने का आतंकवाद से कोई संबंध है.
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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं