वॉशिंगटन:
अमेरिका के शहर बोस्टन में मैराथन आयोजन स्थल पर हुए दो बम विस्फोटों के सिलसिले में पकड़े गए संदिग्ध जोखर सारनाएफ का दावा है कि वह तथा पुलिस के साथ मुठभेड़ में मारा जा चुका उसका 26 वर्षीय भाई तामरलेन सारनाएफ किसी आतंकवादी गिरोह के लिए काम नहीं कर रहे थे, बल्कि कट्टरपंथी इस्लामिक विश्वास और अफगानिस्तान व इराक पर अमेरिकी हमले ने उन्हें चरमपंथी बना दिया।
विस्फोट के सिलसिले में पकड़े गए संदिग्ध 19 वर्षीय जोखर ने पूछताछ के दौरान जांचकर्ताओं को यह भी बताया कि उसने तथा उसके भाई ने प्रेशर-कुकर बम बनाने की विधि अलकायदा की ऑनलाइन पत्रिका 'इंस्पायर' से सीखी थी, जिसे अलकायदा ने वर्ष 2010 में अंग्रेजी भाषा में शुरू किया था। उसने बताया कि पत्रिका में दो बार रसोईघर में इस्तेमाल होने वाले प्रेशर-कुकर से बम बनाने की विधि बताई गई थी।
'सीएनएन' के अनुसार, पुलिस की गोली से घायल हुए जोखर का बोस्टन के अस्पताल में इलाज चल रहा है। वह बोल पाने में अक्षम है, इसलिए उसने पूछताछ के दौरान जांचकर्ताओं को लिखकर और हां-ना में सिर हिलाते हुए बताया कि दोनों भाइयों के मन में चरमपंथी भावना इंटरनेट पर इस संबंध में सामग्री पढ़कर और इराक तथा अफगानिस्तान पर अमेरिकी हमले के कारण भड़की। बोस्टन बम हमले को भी उन्होंने अपने स्तर पर ही अंजाम दिया। वे किसी आतंकवादी गिरोह के लिए काम नहीं कर रहे थे।
समाचार-पत्र 'न्यूयार्क टाइम्स' के अनुसार, हालांकि जांच अधिकारी फिलहाल जोखर के बयानों को लेकर आश्वस्त नहीं हैं। अधिकारी इसकी जांच करेंगे कि उसकी बातें कहां तक सही हैं? जांचकर्ताओं के मन में पिछले साल तामरलेन की दागेस्तान व चेचन्या यात्रा को लेकर भी कई संशय हैं। दोनों भाइयों के चेचन्या से संबंध से इस संदेह को बल मिला है कि उनका आतंकवादी संगठनों से संपर्क हो सकता है।
विस्फोट के सिलसिले में पकड़े गए संदिग्ध 19 वर्षीय जोखर ने पूछताछ के दौरान जांचकर्ताओं को यह भी बताया कि उसने तथा उसके भाई ने प्रेशर-कुकर बम बनाने की विधि अलकायदा की ऑनलाइन पत्रिका 'इंस्पायर' से सीखी थी, जिसे अलकायदा ने वर्ष 2010 में अंग्रेजी भाषा में शुरू किया था। उसने बताया कि पत्रिका में दो बार रसोईघर में इस्तेमाल होने वाले प्रेशर-कुकर से बम बनाने की विधि बताई गई थी।
'सीएनएन' के अनुसार, पुलिस की गोली से घायल हुए जोखर का बोस्टन के अस्पताल में इलाज चल रहा है। वह बोल पाने में अक्षम है, इसलिए उसने पूछताछ के दौरान जांचकर्ताओं को लिखकर और हां-ना में सिर हिलाते हुए बताया कि दोनों भाइयों के मन में चरमपंथी भावना इंटरनेट पर इस संबंध में सामग्री पढ़कर और इराक तथा अफगानिस्तान पर अमेरिकी हमले के कारण भड़की। बोस्टन बम हमले को भी उन्होंने अपने स्तर पर ही अंजाम दिया। वे किसी आतंकवादी गिरोह के लिए काम नहीं कर रहे थे।
समाचार-पत्र 'न्यूयार्क टाइम्स' के अनुसार, हालांकि जांच अधिकारी फिलहाल जोखर के बयानों को लेकर आश्वस्त नहीं हैं। अधिकारी इसकी जांच करेंगे कि उसकी बातें कहां तक सही हैं? जांचकर्ताओं के मन में पिछले साल तामरलेन की दागेस्तान व चेचन्या यात्रा को लेकर भी कई संशय हैं। दोनों भाइयों के चेचन्या से संबंध से इस संदेह को बल मिला है कि उनका आतंकवादी संगठनों से संपर्क हो सकता है।
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं