वाशिंगटन : लुसियाना के भारतीय-अमेरिकी गर्वनर बॉबी जिंदल ने समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता देने और स्वास्थ्य सेवा कानून बरकरार रखने से जुड़े दो ऐतिहासिक फैसलों के लिए अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट की आलोचना करते हुए सर्वोच्च न्यायिक संस्था से 'निजात' पाने का आह्वान किया।
2016 में होने वाले अमेरिकी राष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए रिपब्लिकन पार्टी के 13वें दावेदार जिंदल ने कहा, सुप्रीम कोर्ट पूरी तरह बेकाबू हो गया है, खुद ही कानून बना रहा है और न्यायिक संस्था की बजाए एक जनमत सर्वेक्षण बन गया है।
उन्होंने कहा, अगर हम कुछ पैसे बचाना चाहते हैं, तो हमें इस कोर्ट से निजात पा लेनी चाहिए। जिंदल ने कहा कि समलैंगिक विवाह पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश ने विवाह नाम की संस्था को मूलभूत रूप से नई परिभाषा दी है।
उन्होंने कहा, एक पुरुष और महिला के बीच विवाह ईश्वर ने स्थापित किया है और दुनिया की कोई भी अदालत इसे बदल नहीं सकती। जिंदल ने दलील दी कि समलैंगिक शादी का बचाव करने से धार्मिक लोगों के खिलाफ भेदभाव का रास्ता खुलेगा, जो इसका विरोध करते हैं।
उल्लेखनीय है कि अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता देते हुए कहा था कि समलैंगिक लोग देश के सभी 50 प्रांतों में विवाह कर सकते हैं।
2016 में होने वाले अमेरिकी राष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए रिपब्लिकन पार्टी के 13वें दावेदार जिंदल ने कहा, सुप्रीम कोर्ट पूरी तरह बेकाबू हो गया है, खुद ही कानून बना रहा है और न्यायिक संस्था की बजाए एक जनमत सर्वेक्षण बन गया है।
उन्होंने कहा, अगर हम कुछ पैसे बचाना चाहते हैं, तो हमें इस कोर्ट से निजात पा लेनी चाहिए। जिंदल ने कहा कि समलैंगिक विवाह पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश ने विवाह नाम की संस्था को मूलभूत रूप से नई परिभाषा दी है।
उन्होंने कहा, एक पुरुष और महिला के बीच विवाह ईश्वर ने स्थापित किया है और दुनिया की कोई भी अदालत इसे बदल नहीं सकती। जिंदल ने दलील दी कि समलैंगिक शादी का बचाव करने से धार्मिक लोगों के खिलाफ भेदभाव का रास्ता खुलेगा, जो इसका विरोध करते हैं।
उल्लेखनीय है कि अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता देते हुए कहा था कि समलैंगिक लोग देश के सभी 50 प्रांतों में विवाह कर सकते हैं।
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