
धमाके में घायल शख्स को ले जाते बचावकर्मी
- क्वेटा के सिविल अस्पताल में हुआ धमाका
- हमले में आठ किलोग्राम विस्फोटकों का इस्तेमाल
- अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने घटना की निंदा की
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कराची:
पाकिस्तान के अशांत दक्षिण पश्चिम बलूचिस्तान प्रांत के एक सरकारी अस्पताल में सोमवार को तालिबान के एक आत्मघाती बम विस्फोट में कम से कम 75 लोगों की मौत हो गई और 115 अन्य घायल हो गए. इनमें से ज्यादातर वकील हैं. यह हमला इस साल के सबसे भीषण आतंकी हमलों में एक है. अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने इस आतंकी घटना की निंदा की है.
यह हमला उस वक्त हुआ जब क्वेटा स्थित सिविल अस्पताल में 200 से अधिक लोग जमा थे. वहां बलूचिस्तान बार एसोसिएशन (बीए) के अध्यक्ष अधिवक्ता बिलाल अनवर कसी का शव लाया गया था. दिन में उनकी गोली मारकर हत्या कर दी गई थी.
आपात विभाग में विस्फोट की एक भीषण आवाज सुनी गई. आपात विभाग में शव परीक्षण के लिए कसी का शव रखा गया था. विस्फोट के बाद गोलीबारी भी हुई. पुलिस ने इसे आत्मघाती हमला बताया, जिसमें आठ किलोग्राम विस्फोटकों का इस्तेमाल किया गया.
एक पुलिस अधिकारी ने बताया, 'हमला स्थल पर कोई गड्ढा नहीं पाया गया और ऐसा लगता है कि हमलावर ने विस्फोटकों को अपने शरीर से बांध रखा था.' बम निरोधक दस्ते के अधिकारियों ने भी यह पुष्टि की है कि आत्मघाती हमले से विस्फोट हुआ.
तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान के धड़े जमात उल अहारा के प्रवक्ता इंशाउल्ला अहसन ने मीडिया संगठनों को एक ई-मेल में बताया कि उसका गुट क्वेटा में हुए हमले की जिम्मेदारी लेता है और पाकिस्तान में इस्लामी प्रणाली लागू होने तक हमले जारी रखने का संकल्प लिया.
हमले के तुरंत बाद प्रधानमंत्री नवाज शरीफ और सेना प्रमुख जनरल राहील शरीफ शहर में पहुंचे और हालात का जायजा लेने अस्पताल गए. डॉक्टरों और बचाव अधिकारियों ने मृतकों की संख्या 75 बताई है. उनके मुताबिक यह संख्या और बढ़ सकती है, क्योंकि कुछ घायलों की हालत बहुत नाजुक है. उन्होंने बताया कि हमले में 115 लोग घायल हुए हैं.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
यह हमला उस वक्त हुआ जब क्वेटा स्थित सिविल अस्पताल में 200 से अधिक लोग जमा थे. वहां बलूचिस्तान बार एसोसिएशन (बीए) के अध्यक्ष अधिवक्ता बिलाल अनवर कसी का शव लाया गया था. दिन में उनकी गोली मारकर हत्या कर दी गई थी.
आपात विभाग में विस्फोट की एक भीषण आवाज सुनी गई. आपात विभाग में शव परीक्षण के लिए कसी का शव रखा गया था. विस्फोट के बाद गोलीबारी भी हुई. पुलिस ने इसे आत्मघाती हमला बताया, जिसमें आठ किलोग्राम विस्फोटकों का इस्तेमाल किया गया.
एक पुलिस अधिकारी ने बताया, 'हमला स्थल पर कोई गड्ढा नहीं पाया गया और ऐसा लगता है कि हमलावर ने विस्फोटकों को अपने शरीर से बांध रखा था.' बम निरोधक दस्ते के अधिकारियों ने भी यह पुष्टि की है कि आत्मघाती हमले से विस्फोट हुआ.
तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान के धड़े जमात उल अहारा के प्रवक्ता इंशाउल्ला अहसन ने मीडिया संगठनों को एक ई-मेल में बताया कि उसका गुट क्वेटा में हुए हमले की जिम्मेदारी लेता है और पाकिस्तान में इस्लामी प्रणाली लागू होने तक हमले जारी रखने का संकल्प लिया.
हमले के तुरंत बाद प्रधानमंत्री नवाज शरीफ और सेना प्रमुख जनरल राहील शरीफ शहर में पहुंचे और हालात का जायजा लेने अस्पताल गए. डॉक्टरों और बचाव अधिकारियों ने मृतकों की संख्या 75 बताई है. उनके मुताबिक यह संख्या और बढ़ सकती है, क्योंकि कुछ घायलों की हालत बहुत नाजुक है. उन्होंने बताया कि हमले में 115 लोग घायल हुए हैं.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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