श्रीलंका में ईस्टर के मौके पर हुए सीरियल बम ब्लास्ट के 4 दिनों के अंदर ही आज फिर राजधानी कोलंबो से 40 किलोमीटर पूर्व स्थित पुगोडा शहर में धमाके सुने गए हैं. पुलिस और स्थानीय निवासियों के मुताबिक धमाका पुगोडा में मजिस्ट्रेट कोर्ट के पीछे एक खाली जगह पर यह धमाका हुआ है. पुलिस मामले की जांच में जुट गई है. आपको बता दें कि ईस्टर के मौके पर हुए बम धमाकों में कुल 359 लोगों की जान चली गई थी, जबकि 500 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे. आपको बता दें कि ईस्टर बम ब्लास्ट (Easter bombings) के दस दिन पहले भारत ने श्रीलंका को एक विस्तृत रूप में एडवाइजरी दी थी, जिसमें न केवल आत्मघाती हमलों की चेतावनी दी गई थी बल्कि इसमें शामिल समूह, इसके लीडर और अन्य सस्दयों के नाम के बारे में जानकारी दी थी. बम विस्फोट में हुए 359 मौतों के अलावा करीब 500 लोग घायल हुए थे. श्रीलंका के प्रशासन ने करीब 60 संदिग्ध लोगों को गिरफ्तार किया है.
एनडीटीवी के पास तीन पेज की एडवाइजरी है, जिसमें समूह का नाम 'नेशनल तौहीद जमात' (National Thowheeth Jama'ath) का जिक्र है. इतना ही नहीं, इसमें शामिल लोगों के ठिकाने का उल्लेख था. साथ ही उनके ठिकानों के पते, फोन नंबर और पृष्ठभूमि भी दी गई हुई है. 11 अप्रैल के इस दस्तावेज में निशाना बनाए जाने वाले जगहों चर्च और भारतीय उच्चायोग का भी उल्लेख किया गया था. श्रीलंका के अधिकारियों का कहना है कि विस्तृत रूप में जानकारी होने पर कोई न कोई कदम उठाया जाना चाहिए, लेकिन इसपर कोई भी कदम नहीं उठाया गया.
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एनडीटीवी के इंटरव्यू में श्रीलंका के प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने यह स्वीकारा कि उन्हें भारत से खुफिया चेतावनी मिली थी, लेकिन यह सूचना नीचे तक नहीं पहुंची. श्रीलंका के राष्ट्रपति मैत्रिपाला सिरिसेना हमले के दौरान देश के बाहर थे. सिरिसेना का कहना है कि उन्हें इस एडवाइजरी के बारे जानकारी नहीं थी. उन्होंने देश के रक्षा सचिव और पुलिस प्रमुख का इस्तीफा मांगा. दोनों ही अधिकारी राष्ट्रपति को रिपोर्ट करते हैं.
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