लाहौर:
पाकिस्तान के लाहौर में सैकड़ों लोगों की भीड़ ने कथित ईशनिंदक की तलाश करते हुए ईसाई बहुल एक इलाके पर हमला कर दिया और कई मकानों में आग लगा दी जिससे तकरीबन 150 परिवारों के सैकड़ों लोगों को वहां से भागना पड़ा।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि बड़ी संख्या में लोगों ने शुक्रवार को दोपहर नूर रोड पर जोसफ कालोनी को घेर लिया और वे मकानों पर पथराव करने लगे। कॉलोनी में करीब 150 ईसाई परिवार हैं।
प्रदर्शनकारियों का नेतृत्व कर रहे शफीक अहमद ने दावा कि वह सैवन मसीह को ढूंढ़ा जा रहा है क्योंकि उसने कथित रूप से ईशनिंदा की है।
भीड़ को सैवन नहीं मिला। उसके बाद प्रदर्शनकारियों ने उसके पिता 65 वर्षीय चमन मसीह की पिटाई की। उन्होंने उसका और अन्य लोगों के घर जला दिए जिसके बाद वहां से लोग अपनी जान बचाने के लिए भाग गए।
दोपहर एक बजे शुरू हुई यह हिंसा शाम में तब जाकर समाप्त हुई जब बड़ी संख्या में वहां पुलिस बल तैनात किया गया।
पुलिस अधिकारियों ने सैवन के खिलाफ विवादास्पद ईशनिंदा कानून के तहत मामला दर्ज कर लोगों को शांत किया। पुलिस ने सैवन के पिता को हिरासत में ले लिया। बाद में सैवन को भी गिरफ्तार किया गया।
प्राथमिकी में शिकायत करने वाले शाहिद इमरान ने आरोप लगाया कि सैवन ने कई बार पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ टिप्पणी की है। उसने शफीक को इस बारे में बताया था। सुबह के समय करीब 3,000 लोगों ने जोसेफ कालोनी पर हमला कर दिया। इस कालोनी के अधिकतर बाशिंदे ईसाई हैं। भीड़ में शामिल लोगों ने कई घरों में तोड़फोड़ की और आग के हवाले कर दिया।
प्रत्यक्षदर्शियों और स्थानीय लोगों ने कहा कि पुलिस ने हमलावर भीड़ को रोकने के लिए कुछ नहीं किया। टेलीविजन की फुटेज में दिखाया गया है कि जोसेफ कालोनी में घरों और कारों में आग लगाई गई है।
कई मकानों से धुंआ उठता देखा गया और सड़क पर लोग बड़ी संख्या में जमा थे। पुलिस का कहना है कि उन्होंने ईशनिंदा के आरोप में 26 साल के सैवन मसीह को गिरफ्तार कर लिया गया है।
पंजाब प्रांत की सत्तारूढ़ पीएमएल-एन के प्रवक्ता परवेज राशिद ने कहा कि मुख्यमंत्री शाहबाज शरीफ ने मामले की जांच का आदेश दिया है। उन्होंने कहा कि कानून हाथ में लेने के जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि बड़ी संख्या में लोगों ने शुक्रवार को दोपहर नूर रोड पर जोसफ कालोनी को घेर लिया और वे मकानों पर पथराव करने लगे। कॉलोनी में करीब 150 ईसाई परिवार हैं।
प्रदर्शनकारियों का नेतृत्व कर रहे शफीक अहमद ने दावा कि वह सैवन मसीह को ढूंढ़ा जा रहा है क्योंकि उसने कथित रूप से ईशनिंदा की है।
भीड़ को सैवन नहीं मिला। उसके बाद प्रदर्शनकारियों ने उसके पिता 65 वर्षीय चमन मसीह की पिटाई की। उन्होंने उसका और अन्य लोगों के घर जला दिए जिसके बाद वहां से लोग अपनी जान बचाने के लिए भाग गए।
दोपहर एक बजे शुरू हुई यह हिंसा शाम में तब जाकर समाप्त हुई जब बड़ी संख्या में वहां पुलिस बल तैनात किया गया।
पुलिस अधिकारियों ने सैवन के खिलाफ विवादास्पद ईशनिंदा कानून के तहत मामला दर्ज कर लोगों को शांत किया। पुलिस ने सैवन के पिता को हिरासत में ले लिया। बाद में सैवन को भी गिरफ्तार किया गया।
प्राथमिकी में शिकायत करने वाले शाहिद इमरान ने आरोप लगाया कि सैवन ने कई बार पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ टिप्पणी की है। उसने शफीक को इस बारे में बताया था। सुबह के समय करीब 3,000 लोगों ने जोसेफ कालोनी पर हमला कर दिया। इस कालोनी के अधिकतर बाशिंदे ईसाई हैं। भीड़ में शामिल लोगों ने कई घरों में तोड़फोड़ की और आग के हवाले कर दिया।
प्रत्यक्षदर्शियों और स्थानीय लोगों ने कहा कि पुलिस ने हमलावर भीड़ को रोकने के लिए कुछ नहीं किया। टेलीविजन की फुटेज में दिखाया गया है कि जोसेफ कालोनी में घरों और कारों में आग लगाई गई है।
कई मकानों से धुंआ उठता देखा गया और सड़क पर लोग बड़ी संख्या में जमा थे। पुलिस का कहना है कि उन्होंने ईशनिंदा के आरोप में 26 साल के सैवन मसीह को गिरफ्तार कर लिया गया है।
पंजाब प्रांत की सत्तारूढ़ पीएमएल-एन के प्रवक्ता परवेज राशिद ने कहा कि मुख्यमंत्री शाहबाज शरीफ ने मामले की जांच का आदेश दिया है। उन्होंने कहा कि कानून हाथ में लेने के जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
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