पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो जरदारी (फाइल फोटो)
कराची:
पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो जरदारी ने बुधवार को एक सरकारी अस्पताल का दौरा किया। बिलावल के इस दौरे की वजह से अस्पताल को बंद करना पड़ा और दस महीने की एक बच्ची को भर्ती नहीं किया गया, जिससे बच्ची की मौत हो गई।
मीडिया की खबरों के अनुसार बिलावल के दौरे के समय प्रोटोकॉल के चलते कराची के सिविल अस्पताल के सुरक्षाकर्मियों ने बच्ची के पिता को कथित तौर पर अंदर नहीं आने दिया। बिलावल इस अस्पताल के नवनिर्मित ट्रामा सेंटर के उद्घाटन के लिए गए थे, जिसका नाम उनकी दिवंगत मां और पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो के नाम पर रखा गया है।
बच्ची के पिता ने कहा कि बिलावल को अस्पताल के दौरे में वीआईपी प्रोटोकॉल दिए जाने की वजह से उनकी बच्ची का इलाज नहीं हो पाया और उसकी मौत हो गई। 'पहले मैं बाइक से आया और फिर पैदल, लेकिन मुझे अंदर नहीं आने दिया गया और मेरी बच्ची की जान चली गई।' पीड़ित ने दावा किया कि बीमार बच्ची को लाते समय वह वीआईपी मूवमेंट की वजह से यातायात में फंस गया और फिर उसे अस्पताल में अंदर भी नहीं आने दिया गया।
बिलावल सिंध के मुख्यमंत्री सैयद कायम अली शाह के साथ अस्पताल आए थे, जिसके बाद संस्थान के प्रवेश और निकास स्थलों को बंद कर दिया गया था। एंबुलेंसों को भी अंदर नहीं आने दिया गया।
बाद में बिलावल ने ट्विटर पर घोषणा की कि बच्ची की मौत से उन्हें गहरा दुख हुआ है और उन्होंने घटना की जांच के आदेश दिए हैं। बिलावल की बहन बख्तावर ने लोगों से कोई भी निष्कर्ष निकालने से पहले जांच पूरी होते तक इंतजार करने का आग्रह किया।
मीडिया की खबरों के अनुसार बिलावल के दौरे के समय प्रोटोकॉल के चलते कराची के सिविल अस्पताल के सुरक्षाकर्मियों ने बच्ची के पिता को कथित तौर पर अंदर नहीं आने दिया। बिलावल इस अस्पताल के नवनिर्मित ट्रामा सेंटर के उद्घाटन के लिए गए थे, जिसका नाम उनकी दिवंगत मां और पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो के नाम पर रखा गया है।
बच्ची के पिता ने कहा कि बिलावल को अस्पताल के दौरे में वीआईपी प्रोटोकॉल दिए जाने की वजह से उनकी बच्ची का इलाज नहीं हो पाया और उसकी मौत हो गई। 'पहले मैं बाइक से आया और फिर पैदल, लेकिन मुझे अंदर नहीं आने दिया गया और मेरी बच्ची की जान चली गई।' पीड़ित ने दावा किया कि बीमार बच्ची को लाते समय वह वीआईपी मूवमेंट की वजह से यातायात में फंस गया और फिर उसे अस्पताल में अंदर भी नहीं आने दिया गया।
बिलावल सिंध के मुख्यमंत्री सैयद कायम अली शाह के साथ अस्पताल आए थे, जिसके बाद संस्थान के प्रवेश और निकास स्थलों को बंद कर दिया गया था। एंबुलेंसों को भी अंदर नहीं आने दिया गया।
बाद में बिलावल ने ट्विटर पर घोषणा की कि बच्ची की मौत से उन्हें गहरा दुख हुआ है और उन्होंने घटना की जांच के आदेश दिए हैं। बिलावल की बहन बख्तावर ने लोगों से कोई भी निष्कर्ष निकालने से पहले जांच पूरी होते तक इंतजार करने का आग्रह किया।
Anguished over Bisma's death. Am personally inquiring into this heart breaking incident to ascertain what went wrong.
— BilawalBhuttoZardari (@BBhuttoZardari) December 23, 2015
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